हरियाणा प्रदेश के 22 जिलों के 17 लाख कार्यकर्ताओं और करीब सत्रह हजार बूथों के दो लाख समर्पित पदाधिकारीयों वाली पार्टी जिसके करीब तीस हजार लिंक महज चार विधानसभाओं में पिछले पांच दिनों कड़ी मश्क्कत और पूरी मशीनरी को अंधाधुंध धन  झोंकने के बाद 45 हजार लोगों के शामिल होने का दावा किया जा रहा भाजपा द्वारा जब्कि वास्तविकता सबके सामने रही.

तरविंदर सैनी (माईकल )

वर्चुअल रैली में शामिल होने वालों के तो आंकड़े तमाम शोशल साइटें ही बयां कर रही थी   किसी पर भी 800 से ऊपर लोग नहीं जुड़ पाए

– इससे तो यही साफ होता है कि आमजन की परेशानी से इनका कोई लेना देना नहीं तो जनता ने भी मुँह मोड़ लिया है और उसने रैली को विफल कर अपनी मंशा जाहिर भी कर दी है कि अब भाजपा के लिए राह आसान नहीं रह गई है संकेत दे दिया गया है  मुद्दों से परे की बातें करने वाली भाजपा को ।

 जनमानस को त्रस्त कर दिया है ,पंगु बना रख छोड़ा है , मानसिक स्तिथियाँ लोगों की अस्थिर हो चुकी है ।जनता कोरोना संक्रमण की चपेट में है , इलाज नहीं मिल पा रहा है लाशों के साथ अमानवीयता बरती जा रही है, सड़ रही हैं , उनके अंतिम संस्कार तक नहीं हो पा रहे हैं लोग शवों की पहचान के लिए दरबदर धक्के खाने को मजबूर हैं अपनों से दूर हैं बिलख रहे हैं , और सरकार इवेंट करने के अवसर नहीं चूक रही परिस्थितियों को देखकर भी लोगों से जनसंवाद के बहाने प्रचार करने में लगी हुई है ?

रोड़वेज के सरकारी दस कर्मचारी संक्रमित हो गए इनके , पुलिसकर्मियों में संक्रमण बढ़ रहा है और इन्हें सरकार की उपलब्धियां गिनानी हैं शर्म आनी चाहिए ऐसी पार्टी की सरकार को और उसके मुखिया को जिन्हें लोकहित की कोई चिंता नहीं ।

बकौल तरविंदर सैनी 1992-96 वाली स्तिथि में पुनः लौटने की तैयारी भाजपा ने स्वम् कर ली है और रही सही कसर इनकी अंदरूनी बगावत पूरी कर देगी , पार्टी को धरातल पर लाने में चारों सांसदों ने मन बना लिया है जिन्हें अनेकों दायित्व प्राप्त है मगर उनकी आज की ईस रैली में अनुपलब्धता को भूल पाना शायद ही उनके लिए संभव हो पाए ।

वैसे जनता तो अपना मन बना ही चुकी है प्रतीक्षा में है उचित अवसर के आने की ।