गुरूग्राम, 13 जून। हरियाणा के गृह तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजयवर्धन ने आज गुरूग्राम में पहंुचकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंधों की समीक्षा की और कहा कि वे स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक सशक्त बनाते हुए भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप और अधिक प्रभावी रूपरेखा तैयार करें।       

श्री विजयवर्धन ने आज गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्हें कोविड-19 संक्रमण रोकने संबंधी किए गए इंतजामों की पावर प्वांइट प्रैजेंटेशन प्रस्तुत की गई और तैयारियों का एक्शन प्लान दिखाया गया। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम में अन्य जिलों की अपेक्षा और अधिक सक्रियता से काम करना जरूरी है ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें और उन्हें भविष्य में भी किसी प्रकार की असुविधा ना हो।

 बैठक में उपायुक्त अमित खत्री ने बताया कि जिला प्रशासन की वैबसाइट पर 400 डाॅक्टरों की मैपिंग की गई है। जिला प्रशासन के हैल्पलाइन नंबर- 1950 के माध्यम से इन्हें कोरोना संक्रमित मरीजों से कनेक्ट किया जाता है ताकि कोरोना संक्रमित मरीज घर बैठकर डाॅक्टरी सलाह लेकर ठीक हो सके। श्री विजयवर्धन ने कहा कि गुरूग्राम जिला प्रशासन गुरूग्राम में डाॅक्टरों की क्षेत्रवार मैपिंग करते हुए उनके घरों के आसपास के कोरोना संक्रमित मरीज से कनेक्ट करें ताकि उसे कोरोना संक्रमित मरीज को अपने घर के आस पास की स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। उपायुक्त ने कहा कि जिला में टेलीमैडिसन सुविधा चल रही है। ऐसे मरीजों को ना केवल फोन पर दवाईयां आदि बताई जा रही हैं बल्कि समय समय पर उनका फीडबैक भी लिया जा रहा है। श्री विजयवर्धन ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज के मन में भय की स्थिति रहती है, ऐसें मे गुरूग्राम जिला प्रशासन कोरोना संक्रमित मरीजों की काउंसलिंग की भी व्यवस्था करे ताकि वह अपने घर रहकर सहज महसूस कर सके।

बैठक में गुरूग्राम मैटरोपाॅलिटन सिटी बस लिमिटेड की सीईओ व अस्पतालों में सुविधाओं व बेड प्रबंधन की नोडल अधिकारी सोनल गोयल ने बताया कि गुरूग्राम जिला में कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए 38 अस्पताल सूचीबद्ध है और जल्द ही 17 अन्य अस्पतालों को सूची में जोड़ा जाएगा। इन अस्पतालों मे 4314 बैड, 329 वैंटिलेटर तथा आईसीयू में 625 बेड की सुविधा है। इसके अलावा, जिला में कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज ईएसआई सैक्टर-10, पोली क्लीनिक सैक्टर-31 तथा मानेसर के मैडियोर अस्पताल में किया जा रहा है। इसके अलावा, जिला में भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए और मैडिकल सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। अस्पतालों से बेहतर कोर्डिनेशन व प्रबंधन करने के लिए कोविड संघर्ष सेनानियों को लगाया गया है जो वालंटियर के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में नोडल अधिकारी भी नियुक्त किये गए हैं ताकि अस्पतालों में मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की माॅनीटरिंग व सुपरविजन किया जा सके।

इस बैठक में कान्टैक्ट टरेसिंग पर भी विस्तार से चर्चा की गई। श्री विजयवर्धन ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों तक यदि शत प्रतिशत पहुंचा जाए तो इसके संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने बैठक में उपस्थित से कहा कि वे कान्टैक्ट ट्रैसिंग के लिए किसी कंपनी से तालमेल करते हुए ऐसे लोगों को ट्रैक करने के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार करें ताकि उनके मोबाइल पर एसएमएस व उनसे संपर्क करके उन्हें क्वारंटाइन में रहने के लिए कहा जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने में कान्टैक्ट ट्रैसिंग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है इसलिए इस पर प्रभावी तरीके से काम किया जाना अत्यंत आवशयक है।

श्री विजयवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के लगभग 85 प्रतिशत एसिप्टोमैटिक मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे मरीज होम आइसोलेशन से भी ठीक हो सकते हैं।

गुरूग्राम के पुलिस आयुक्त श्री मोहम्मद अकिल ने बताया कि पुलिस विभाग द्वारा फेस मास्क ना पहनने वालों के अब तक 448 चालान किए जा चुके हैं। इसके अलावा, आईपीसी की धारा 188 के तहत 460 मामले, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत 322 मामले तथा 1378 लोगों को हिरासत में लिया गया है। श्री विजयवर्धन ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क पहनना अत्यंत आवश्यक है इसलिए लोग इसे गंभीरता से लें और सावधानी व सर्तकता बरततें हुए काम करें।

बैठक में गुरूग्राम के निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने कंटेनमेंट जोन में किए गए प्रबंधों की जानकारी देते हुए बताया कि कंटेनमेंट जोन में क्षेत्रवार 7 वरिष्ठ अधिकारियों को कलस्टर इंचार्ज तथा 18 अधिकारियों को इंसीडेंट कमांडर बनाया गया है। कंटेनमेंट जोन के एंटरी व एग्जिट प्वांइट पर पुलिस बस की तैनाती की गई है। इसके अलावा, कंटेनमेंट जोन में निर्धारित एसओपी जैसे डोर टू डोर स्क्रीनिंग, सैनिटाइजेशन, स्वच्छता आदि सुनिश्चित की जा रही है

 श्री विजयवर्धन ने कहा कि कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा खतरा 65 साल से अधिक आयु वर्ग, गर्भवती महिलाओं, हार्ट की बिमारी, बीपी , षुगर, कैंसर या अन्य किसी बिमारी से पहले से ग्रसित व्यक्ति को अधिक होता है। ऐसे में जरूरी है कि जिला प्रशासन ऐसे लोगों को डेटा तैयार करें ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा सके। उन्होंने कहा कि इस डेटा को तैयार करने के लिए आरडब्ल्यूए संस्थाओं, सरपंचो या पार्षदों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जा सकता है।

बैठक में उपस्थित सिविल सर्जन डॉ वीरेन्द्र यादव ने बताया कि गुरूग्राम जिला में डेडिकेटिड कोविड हाॅस्पीटल 3, डेडिकेटिड कोविड हैल्थ सैंटर 34 तथा डेडिकेटिड कोविड केयर सैंटर 31 हैं। इसके अलावा, जिला में सैनिटाइजर, पीपीई किट, मास्क, ग्लव्ज, फेस षील्ड तथा सोडियम हाइपोक्लोराइट साॅल्यूशन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

बैठक में गुरूग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी एस कुंडु, मंडलायुक्त अशोक सांगवान, पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकिल, उपायुक्त अमित खत्री, निगमायुक्त विनय प्रताप सिंह, हुडा प्रशासक जितेन्द्र यादव ,अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पंवार,  जीएमसीबीएल की सीईओ सोनल गोयल, मंडलायुक्त की ओएसडी अंजू चैधरी, नगर निगम गुरूग्राम की एडिश्नल कमीश्नर जसप्रीत कौर , सिविल सर्जन डा. वीरेन्द्र यादव, डा. एम पी सिंह सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।

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