निदेशक द्वारा आरटीआई रोक लगाना बना चर्चा का विषय हर्षित सैनीरोहतक, 11 जून। पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में बिना किसी सरकारी आदेश के अधिकारियों ने आरटीआई की अपील पर सुनवाई करने से रोक लगा दी गई है। दूसरी ओर हेल्थ यूनिवर्सिटी में लगने वाली आरटीआई की रजिस्ट्रार द्वारा तो सुनवाई की जा रही है लेकिन निदेशक द्वारा रोक लगाया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि जानबूझकर सूचना न देने के लिए ही अपील पर रोक लगाई गई है। हेल्थ यूनिवर्सिटी और पीजीआई में सैकड़ों की संख्या में आरटीआइ प्रतिमाह लगाई जाती हैं। अधिकतर आरटीआई कार्यकर्ता को पहली बार में अपेक्षित जानकारी नहीं दी जाती है। जिसके चलते उन्हें अपील करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। हेल्थ यूनिवर्सिटी संबंधी जानकारी के लिए लगाई जाने वाली आरटीआई की अपीलीय अधिकारी रजिस्ट्रार, पीजीआई में लगाई जाने वाली आरटीआई की अपीलीय अधिकारी निदेशक हैं। कोरोना काल में यूं तो सरकार ने अपील बंद करने के लिए कोई आदेश नहीं दिया था, इसके बाद भी निदेशक द्वारा आदेश जारी करते हुए आरटीआई की अपील पर सुनवाई करना बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि सामान्य दिनों में प्रति सप्ताह औसतन एक दिन अपील पर सुनवाई की जाती है और करीब 4 से 5 आरटीआइ कार्यकर्ताओं को बुलाया जाता है। वहीं हेल्थ यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार द्वारा आरटीआई अपील को सामान्य दिनों की भांति संचालित किया जा रहा है। एक ही संस्थान में दो अधिकारियों के दो नियम होने के चलते आरटीआई कार्यकर्ता असमंजस में हैं। आरोप है कि संस्थान की जानकारी छिपाने के लिए अपील बंद की गई हैं। प्रकरण में पीजीआई निदेशक डा. रोहताश यादव से फोन पर बात करने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। Post navigation पीजीआइ में कोविड मरीजों के बैड फुल, अब सुपरस्पेशलिटी बंद करने की तैयारी रोहतक में 5 महीने पहले प्रेम विवाह करने वाले युवक-युवती की हत्या