हर्षित सैनी
रोहतक, 11 जून। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) में बैड फुल हो चुके हैं, जिसके चलते अब सुपर स्पेशलिटी विभागों को बंद करने की तैयारी चल रही है क्योंकि उक्त भवन को पहले ही प्रबंधन द्वारा कोविड अस्पताल घोषित कर दिया गया है। जिसके चलते अब सुपर स्पेशलिटी विभागों में प्रतिदिन उपचार के लिए पहुंचने वाले सैकड़ों की संख्या में मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ेंगी।

बताया जा रहा है कि इन विभागों की मशीनरी अन्य बिल्डिग में शिफ्ट करना मुश्किल है, जिसके चलते संभव है कि ऐसे मरीजों को उपचार ही न मिल सके। फिलहाल पीजीआइ में 120 मरीजों को भर्ती करने के लिए व्यवस्था है, जिसमें से 110 बैड फुल हो चुके हैं। जानकारी के मुताबिक इनमें से करीब 80 फीसद मरीज एसिप्टोमेटिक हैं।

कोविड केयर होम बनाने के लिए एडीसी ने ली बैठक

अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल ने रविवार को जिले में विभिन्न स्थानों पर कोविड केयर होम बनाने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई। उन्होंने कहा कि एंसिप्टोमेटिक या माइल्ड वायरस (कम वायरस) वाले मरीजों को कोविड केयर होम में भर्ती किया जाएगा।

बैठक के दौरान अधिकारियों को आदेश दिए कि अपने-अपने खंडों में बनाए जाने वाले होम के लिए आवश्यक संसाधन एकत्रित करें। बैठक में एसडीएम अभिषेक मीणा, रोहतक एसडीएम राकेश कुमार सैनी, सांपला एसडीएम नवदीप नैन, महम के तहसीलदार गुलाब सिंह, रोहतक तहसीलदार राजेश कुमार सैनी तथा बीडीपीओ राजपाल चहल व डीआइओ जितेंद्र मलिक मौजूद थे।

गलत प्रक्रिया के चलते झेलनी पड़ेगी परेशानी

यूं तो कोरोना संक्रमित एसिप्टोमेटिक मरीजों को कोविड केयर सेंटर और होम आइसोलेशन के आदेश दिए गए हैं, लेकिन अधिकतर संक्रमित मरीजों को सीधे पीजीआइ में भर्ती किया जा रहा है। जबकि नियमानुसार केवल सिप्टोमेटिक और गंभीर हालत वाले मरीजों को ही पीजीआइ में भर्ती किया जाना चाहिए। जिसके चलते सुपर स्पेशलिटी विभागों के मरीजों को खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

इन 7 विभाग के मरीजों के लिए होगी आफत

लाला श्याम लाल सुपर स्पेशलिटी भवन में न्यूरो सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, सीटीवीएस व बर्न एंड प्लास्टिक विभागों की ओपीडी का संचालन किया जा रहा है। वर्तमान समय में इन विभागों की ओपीडी का भी संचालन किया जा रहा है और इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को इन वार्डों में भी भर्ती किया जा रहा है। यदि उक्त भवन को कोविड अस्पताल बनाया गया तो इन विभागों के मरीजों का पीजीआइ में उपचार नहीं मिल सकेगा।

अधिकतम 120 मरीजों को भर्ती करने की है क्षमता-डा. वरुण

पीजीआइएमएस के जनसंपर्क अधिकारी डा. वरुण अरोड़ा ने कहा है कि फिलहाल पीजीआइ में 110 मरीज भर्ती हैं जबकि क्षमता के मुताबिक अधिकतम 120 मरीजों को भर्ती किया जा सकता है। भवन के फुल होने के बाद अब उच्चाधिकारियों द्वारा कोविड अस्पताल के तौर पर अन्य भवन को अलॉट करना होगा। विकल्प के तौर पर एसिप्टोमेटिक मरीजों को कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जाए तो अन्य भवनों की आवश्यकता नहीं होगी। किस भवन को अलॉट किया जाएगा, इसके लिए उच्चाधिकारी फैसला लेंगे।

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