कोविड 19 संक्रमण से मुक्त भारत के लिए महायज्ञ

24 जून को अर्पित की जाएंगी यज्ञ में संपूर्ण आहूति.
महाकाल आश्रम के मंहत कृष्ण गिरि का है संकल्प

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 पटौदी हलके के सबसे बड़े गांव में स्थित हनुमान मंदिर, महाकाल आश्रम में लंबे समय तक सेवारत रहे , अज्ञातवास के लिए प्रस्थान किये हुए महामंडलेश्वर स्वामी ज्योति गिरि के शिष्य कृष्ण गिरि के द्वारा हरियाणा आश्रम उज्जैन में कोविड 19 संक्रमण से मुक्त भारत सहित विश्व के लिए रोग नाशक महायज्ञ में प्रतिदिन मंत्रोच्चारण के बीच 11 हजार आहूतियां अर्पित की जा रही है। इस महायज्ञ का समापन 24 जून को भव्य आयोजन के साथ संपूर्ण आहूति अर्पित किये जाने के साथ होगा।

हरियाणा आश्रम उज्जैन की जिम्मेदारी संभालने से पहले मंहत कृष्ण गिरि महाकाल आश्रम बोहड़ाकला में लंबे समय तक सेवा कर चुके है। कोरोना कोविड 19 महामारी फूटने के साथ ही उन्होंने सर्व रोग नाशक अपुष्ठान करने और भारत सहित विश्व को कोरोना से मुक्ति के लिए भव्य हवन-यज्ञ का संकल्प के साथ में अनुष्ठान आरंभ किया। कृष्ण गिरि के मुताबिक शुद्ध घी के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की 181 जड़ी-बूटियों और हवन सामग्री की मंत्रोच्चारण के बीच प्रतिदिन 3 घंटे तक 11 हजार आहूतियां अर्पित की ता रही है।

गौरतलब है कि, कोरोना के महामारी के रूप में फैलते ही उन्होंने, कोेरोना के उपचार के लिए बनाई ताने वाली किसी भी प्रकार की वैक्सिन के मानव देह पर इस्तेमाल कर परिणाम के लिए अपनी देहदान करने की सार्वजजिक घोषणा भी की हुई है। कृष्ण गिरि के मुताबिक साधु, संत, सन्यासी दुनिया की मोहमाया से मुक्त होता है। ऐसे में कोराना की वेक्सिन के एक्पेरिमेंट सहित परिणाम जानने के वास्ते ही देहदान की हुई है। उन्होंने कहा कि हवन-यज्ञ भारतीय सनातन संस्कृति का अभिन्न भाग है और इसके हमेशा सकारात्मक तथा जनहित में परिणाम मिलते रहे है। यही कारण है कि अनादिकाल में ऋषि, मुनि, तपस्वी बीज मंत्रों के साथ में अनुश्ठान सर्व कल्याण के लिए करते थे तो कि परंपरा आज भी चली आ रही है। उन्होने कहा कि काल के काल, देव महाकाल को साक्षात मान किये जा रहें इस रोग नाशक अनुष्ठान के बहुत ही सुखद परिणाम आम जनमानस को मिलेंगे।

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