लघुकथा :सबसे खूबसूरत मुस्कान कमलेश भारतीय मैं एक समारोह में आमंत्रित था । मुख्य मेहमान । सर्दी से बुरा हाल था । सभागार के अंदर जिस सोफे पर बैठा वहां द्वार निकट ही था । पूरी तरह ठंड जकड़ रही थी । बाहर से शीतलहर भी आ रही थी । मंच पर नृत्य हो रहे थे । एक के बाद एक प्रस्तुति । इतने में काॅफी सर्व होने लगी । ट्रे में कप और बिस्कुट आए । पीकर जैसे ही रखने लगा मेरी नज़र नीचे फर्श पर ऊकडूं होकर बैठी एक बच्ची पर पड़ी । वह मग्न होकर नृत्य देख रही थी । उसे किसी ने काॅफी नहीं दी । मैंने काॅफी सर्व करने वाले को बुलाया । एक कप और दो बिस्कुट उठाये और उस नन्ही बच्ची का कंधा थपथपाया । उसने पीछे मुडकर देखा । मैंने कप और बिस्कुट उसके हाथों में थमा दिये । वह एक पल में कुछ समझी और कुछ नहीं समझी लेकिन समझ आते ही वह मुस्करायी ।यह मेरे लिए दुनिया की सबसे खूबसूरत मुस्कान थी । Post navigation राजनीति पर लघुकथाएं “हिन्दी और पत्रकारिता के विकास में तकनीकी भूमिका” 1 2 3 4 5