ऑनलाइन विचार गोष्ठी – 

अखिल भारतीय साहित्य परिषद, गुरुग्राम इकाई द्वारा ऑनलाइन विचार गोष्ठी का आयोजन 14 जून 2020 रविवार प्रातः 11 बजे ज़ूम एप्प के माध्यम से किया गया जिसका विषय था “हिन्दी और पत्रकारिता के विकास में तकनीकी भूमिका” I 

गोष्ठी की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के कुलपति प्रो. कुलदीप चन्द्र  अग्निहोत्रि  ने की । जबकि अटल विहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज ने मुख्य अतिथि एवं महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी,  बिहार के डीन प्रो अरुण भगत विशिष्ट अतिथि के रूप में शोभायमान थे । अ. भा. सा. परिषद गुरुग्राम की अध्यक्षा प्रो. कुमुद शर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में अपना व्यक्तव्य दिया । अ. भा. सा. परिषद , हरियाणा के प्रान्तीय महामंत्री डॉ योगेश वासिष्ठ ने विषय प्रवर्तक की भूमिका का बखूबी निर्वाह किया । अ. भा. सा. परिषद गुरुग्राम की महामंत्री मोनिका शर्मा नेे कार्यक्रम का संयोजन व संचालन सुन्दर ढंग से किया । मीनाक्षी पाठक के मधुर स्वर में प्रस्तुत सरस्वती वंदना द्वारा विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ ।

डॉ योगेश वासिष्ठ ने विषय को स्थापित करते हुये कहा , ” इसमें  हिंदी और पत्रकारिता के विकास में तकनीक की भूमिका दो विषय समाहित हैं I जनमानस की भाषा अपने पाँव तो निरन्तर पसारती रही किन्तु जब तकनीक के पंख मिले  तो अनंत आकाश तक भाषा को प्रसार मिला । तकनीक ने दूरियां कम की हैं । जहाँ गूगल अनुवाद के माध्यम से भाषा को विस्तार मिला , वहीं  लीला ऐप के माध्यम से अहिन्दी भाषियों तक हिन्दी पहुँचने में सहायक सिद्ध हो रही है I “

प्रो कुमुद शर्मा ने कहा “उक्त विषय में दो विषय समाहित हैं I डिजिटल मीडिया पत्रकारिता के स्वरूप और विकास में बड़ी भूमिका निभा रही है , तो वही उसके लिये  चुनौतियां भी हैं I बाजार , व्यापार सब संचार क्रांति के रथ पर सवार हैं I  भूमंडलीकरण के दौर में हिंदी के वर्चस्व पर चिंता व्यक्त की जा रही थी किंतु तकनीक के साथ हिंदी के रिश्ते की ही देन है कि  भले ही वैश्विक भाषा अंग्रेजी हो लेकिन सोशल मीडिया पर आत्मीय शिकायत, उत्साह, उल्लास की भाषा हिंदी  ही है I  पत्रकारिता की अवधारणा बदल चुकी है I   वर्तमान पत्रकारिता लाइव कंटेंट की तरफ बढ़ चुकी है I  पत्रकारिता को सार्वजनिक स्थान मिला है जहां हर नागरिक पत्रकार है I  यदि आंकिक पत्रकारिता को हम देश-हित , समाज-हित व मनुष्य हित  से जोड़ सके तो  तकनीकी क्षमता के साथ हम आर्थिक रूप से भी सक्षम हो सकेंगे I “

प्रो अरुण भगत ने  विस्तार से पत्रकारिता के विकास यात्रा की बात की I  “समाचार संकलन,  शब्द संयोजन , संपादन,  मुद्रण व  प्रकाशन में समय-समय पर तकनीक के विकास ने इस श्रमसाध्य कार्य को सुगमता भी प्रदान की और गति में भी वृद्धि की I इसकी प्रस्तुति को आकर्षक बनाने में , वर्तनी संसोधन में तकनीक ने महती योगदान दिया I  टेली प्रिंटर , फैक्स मशीन , कम्प्यूटर, पेजमेकर , यूनिकोड ,  हॉटमेल , ईमेल , व्हाट्सअप, वेब   पत्रकारिता के विकास में सहायक सिद्ध हुये  I  हिंदी के साथ पत्रकारिता समृद्ध हुई I”   

प्रो रामदेव भरद्वाज ने अपने व्यक्तव्य में कहा , ” हिंदी , पत्रकारिता  एवं तकनीक तीन बिंदुओं में विषय समग्र रूप से समाहित है I  तकनीक के विकास से सबसे बड़ा परिवर्तन पत्रकारिता के मानस में हुआ I चिंतन , अभिव्यक्ति, लेखन की क्षमता को तकनीक ने बदल दिया I  तकनीक से दायरा व्यापक  हो गया है लेकिन वहीं वास्तविकता को नेपथ्य में ले जाने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है I  यदि हर व्यक्ति पत्रकार हो जायेगा तो पत्रकारिता  मौलिक सिद्धान्तों से भटक जायेगी जो चिंता जनक है  I समाचार के विश्लेषण , शोधन को नए दृष्टि से देखने की आवश्यकता है I”  

प्रो. कुलदीप चन्द्र अग्निहोत्रि ने कहा “लोक संचार के विभिन्न तरीकों में एक तरीका पत्रकारिता भी है I  तकनीक पूरी संस्कृति अपने साथ लेकर आती है ।  निश्चित रूप से तकनीकी विकास से पत्रकारिता में सुविधा  हुई है किन्तु चिंता की बात ये है कि भारतीय भाषा की लिपि को बदलने का प्रयास  किया जा रहा है । रोमन स्क्रिप्ट में लिखकर हिंदी में टाइप किया जा रहा है जो भारतीय लिपि  के लिए शुभ संकेत नहीं है  I शब्द की गरिमा व महत्ता पर संकट के बादल दिखायी दे रहे हैं I ऐसी स्थिति में समन्वय और संतुलन की आवश्यकता है I ”  

तनु भारद्वाज ने आमंत्रित अतिथिगण , वक्ता एवं श्रोताओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा , “युग बदला है , परिश्थितियां बदली हैं ,  आचार – विचार बदला है I पत्रकारिता की तकनीक तो ठीक है किन्तु तकनीक की पत्रकारिता चौथे स्तंभ की अभिधारणा पर प्रश्न चिन्ह लगाती है I तकनीक के माध्यम से पत्रकारिता सुगमता पूर्वक  अपना  स्थान सुनिश्चित कर दूरियां पाटने का कार्य कर रही है I  पत्रकारिता यूँ ही स्वच्छन्द विचरण करती रहेगी I जन मानस तक पहुँचती  रहेगी ।”  

डा संजय कुमार , नवरत्न पांडेय, धीरज निर्भय ने भी अपने विचार रखे I  इस अवसर पर     डा मनोज भारत ,  हरींद्र यादव , अशोक कुमार ज्योति , पंकज गौड़ , मुकेश महतो , देवेन्द्र कुमार , भूपेंदर कुमार , मौसम जायसवाल , दर्शन पांडेय , मोनिका जायसवाल, दर्शन पाण्डेय , ए डी अरोड़ा , सुरिंदर मनचंदा , अजिताभ सिंह , रुपेश यादव , नवजीत सहदेव , प्रियंका , अवनीश , मीना चौधरी , शोभित सुमन , प्रखर , दीप्ती यादव , कंचन चौहान , आशा डाटा , उमंग बहल, अंचल यादव , संतोष कुमार , एम् पी सिंगला , अनिल श्रीवास्तव सहित कई प्रबुद्ध श्रोता उपस्थित थे I 

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