कारण
-कमलेश भारतीय

प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जिस भव्यता, महानता और उदारता के साथ किसी दूर दराज के पिछडे क्षेत्र में स्कूल का शिलान्यास किया व बालकों के उज्ज्वल भविष्य का आश्वासन दिलाया, उसके एकदम उलट वे राजधानी लौटकर सब कुछ भूल गये ।

पिछड़े क्षेत्र में ज्ञान का दीप प्रज्जवलित करने की बजाय खामोश हो गये और शिक्षा मंत्रालय को आदेश दे दिया कि आगे कोई कार्यवाही न की जाए । इस स्कूल को कागजों में ही चलने दिया जाए । असल में नहीं । इस पर शिक्षा मंत्री ने कारण पूछा तो उसे गुप्त मीटिंग पर बुलाया । समझाते हुए बोले -भलेमानस , अगर पिछड़े क्षेत्रों के लोग भी पढ़ लिख गये तो सब सूझवान हो जायेंगे । फिर खुद ही सोचो हमें वोट कौन देगा ?

इस अकाट्य तर्क पर शिक्षा मंत्री तो बेचारे मुख्यमंत्री की ओर मुंह खोले अवाक् ताकते ही रह गये

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