भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक
गुरुग्राम। हरियाणा में पिछले कुछ समय से जिस प्रकार कोविड-19 का प्रहार बढ़ता जा रहा है और सरकार की ओर से जो कार्य हो रहे हैं, वे जनता की नजर में ऊंट के मुंह में जीरे के समान हैं। ऐसे में भाजपा का जमीनी कार्यकर्ता अपने आपको बहुत बड़ी दुविधा में पाता है कि कैसे आसपास के समाज के सामने जाकर अपनी उपलब्धियों का गुणगान करें।

वैसे भी वर्तमान कार्यकाल से मुख्यमंत्री अपनी कार्यशैली का प्रभाव छोड़ नहीं पाए हैं और संगठन बिखराव की ओर है। इसका प्रमाणा यही बहुत है कि इतने समय से भाजपा संगठन चुनाव या यूं कहें कि संगठन चुनाव के नाम नामांकन भी नहीं कर पाई है।

जिस प्रकार मुख्यमंत्री अपना प्रभाव नहीं छोड़ पा रहे हैं, उसी प्रकार उप मुख्यमंत्री की स्थिति भी कमजोर नजर आ रही है। जिस प्रकार उनके अपने विधायक उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं और कार्यकर्ताओं का विश्वास घट रहा है। ऐसे में सरकार से भी लोगों का मोह भंग होता नजर आ रहा है।

इन सबमें एक बड़ी बात और चल रही है कि मुख्यमंत्री अपने साथ अपने विधायकों तो क्या मंत्रियों का भी विश्वास प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। गृह मंत्री अनिल विज और उनके चर्चे तो रोज ही सुनने को मिलते रहते हैं।

इन परिस्थितियों में जहां कार्यकर्ताओं को कहा जा रहा है कि घर-घर जाकर मोदी-2 का गुणगान करो और जनता को प्रचार सामग्री भी बांटों। ऐसी अवस्था में कार्यकर्ता क्षुब्ध है, उसका कहना है कि हम खुलकर किसी से बोल नहीं सकते, क्योंकि पार्टी की निष्ठाओं से बंधे हुए हैं परंतु संगठन के उच्च पदों पर आसीन लोग यदि ऐसे में प्रचार सामग्री बांटने जाएं और वहां उन्हें जनता से सुनना पड़े कि आप तो सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ा रहे हो, नोट के प्रयोग की बजाय डिजीटल पेमेंट को बढ़ावा देने की बात करते हो और अब स्वयं ही प्रचार सामग्री बांट रहे हो?

यह क्या हमारे खाने के काम आएगी या इससे बच्चे की फीस दे पाएंगे या फिर इएमआइ दे पाएंगे? इस प्रकार की बातों का शायद संगठन के बड़े अधिकारियों का ध्यान ही नहीं है, क्योंकि वे कभी आम जनता से तो मिलते ही नहीं। लगता है कि यह मोदी-2 का प्रचार हमारी पार्टी को बहुत महंगा पडऩे वाला है।

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