-चार घंटे अस्पताल में बिठाकर रखा, लेकिन किया कुछ नहीं
-सिर्फ दावे करने का विभाग बन गया है स्वास्थ्य विभाग
-गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भेजा रहा है दिल्ली, रोहतक, मेवात, फरीदाबाद

गुरुग्राम। कोरोना काल में बड़े-बड़े दावे तो स्वास्थ्य विभाग करके मीडिया की सुर्खियों में रहता है, लेकिन जमीनी स्तर पर विभाग का काम बहुत खराब है। एक कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद परिवार के लोगों की कोरोना जांच न कराना विभाग की सबसे बड़ी लापरवाही है। यह हाल तब है जब सीएमओ से लेकर अन्य कई अधिकारियों के संज्ञान में यह केस था। बाकी आम जनता का क्या हाल होगा, यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। 

मामला कुछ इस तरह से था कि 5 जून 2020 को यहां आदर्श नगर निवासी विनोद जैन (59) के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। दोपहर बाद 3 बजे नगर निगम की ओर से अधिकारियों ने उनके घर के बाद कोरोना पॉजिटिव होने का नोटिस चस्पा दिया। इसके दो घंटे बाद ही करीब 5 बजे विनोद जैन की हालत बहुत खराब हो गई। सरकारी अस्पताल में खूब कॉल की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। विनोद जैन के परिजन उन्हें पारस अस्पताल में लेकर गए। वहां पर कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई। कोरोना पॉजिटिव केस होने के चलते नगर निगम की ओर से ही उनका अंतिम संस्कार किया गया।

स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में भी यह सारा मामला था। विभाग ने विनोद जैन के परिवार के ना तो टेस्ट कराए और ना ही उन्हें कोई जानकारी दी कि वे आखिर किस तरह से रहें। क्योंकि उन्हें भी डर था कि परिवार के मुखिया विनोद जैन की वजह से कहीं परिवार के अन्य सदस्यों में संक्रमण ना फैल गया हो। विनोद जैन का भतीजा वीरेंद्र जैन के मुताबिक उन्होंने इस बाबत स्वास्थ्य विभाग में बात की। सीएमओ डा. जेएस पूनिया ने कहा कि उनके एरिये को डा. रामप्रकाश देखते हैं। डा. रामप्रकाश ने परिवार के लोगों को यहां पुराने नागरिक अस्पताल स्थित अपने कार्यालय बुलाया, लेकिन 4 घंटे तक बिठाए रखने के बाद भी किसी का सेंपल नहीं लिया गया। परेशान होकर परिवार के सदस्य घर आ गए। हेल्पलाइन 1950 और चंडीगढ़ राज्य हेल्पलाइन 0172-2545938 पर खूब कॉल की, जहां से कोई जवाब नहीं मिला। 

ये हैं विनोद जैन के परिवार के सदस्य

स्वर्गीय विनोद जैन के परिवार में मां रोशनी देवी जैन, पत्नी सुमन जैन, बेटी प्राची जैन के अलावा रिश्तेदार वीरेंद्र जैन, कमल जैन, देव जैन, प्रीति जैन, सुषमा जैन, मोहित जैन, सुनील, सीमा, याक्षी जैन हैं। परिवार के किसी भी सदस्य का स्वास्थ्य विभाग का कोरोना टेस्ट नहीं किया गया। ना ही किसी को नियम, कायदों की जानकारी दी गई। 

गुरुग्राम का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह हुआ फेल

मानव आवाज संस्था के संयोजक एडवोकेट अभय जैन ने विनोद जैन की मौत और फिर परिवार की अनदेखी पर कहा कि यह स्वास्थ्य विभाग का फेलियर है। उनका कहना है कि गुरुग्राम कोरोना पॉजिटिव मरीजों को दिल्ली, रोहतक, मेवात, फरीदाबाद के अस्पतालों में भेजा जा रहा है। अंदेशा है कि निजी अस्पतालों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी सिस्टम को फेल किया जा रहा है। आम आदमी सरकारी सिस्टम में धक्के खाकर प्राइवेट में जा रहा है या फिर यहां की व्यवस्था को देख-सुनकर खुद ही निजी अस्पताल में पहुंच रहा है। जो बड़ी-बड़ी बातें यहां के अधिकारी कर रहे हैं, वह मात्र खानापूर्ति है। रोज यहां की कमियों, लापरवाहियों की खबरें मीडिया की सुर्खियां बनती हैं।

एडवोकेट अभय जैन ने कहा कि इन सभी कमियों, लापरवाहियों को पीएम, सीएम, गृह मंत्री तक पहुंचाया जाएगा, ताकि यहां बैठे अधिकारियों पर कार्यवाही हो सके। स्वास्थ्य विभाग के पास कोई विजन नहीं रहा। कोरोना काल में तरह-तरह से दावे किए जा रहे हें। जिला प्रशासन के अधिकारी स्वास्थ्य विभाग के हवाले से ऑल इज वैल की बात कह चुके हैं, लेकिन अगर अधिकारी सरकारी और निजी अस्पतालों का दौरा करें तो हकीकत सामने आ जाएगी।

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