सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि जुलाई से स्कूल व कॉलेज खोलने के विरोध के बाद सरकार को यूटर्न लेते हुए अपना निर्णय वापिस लेना पड़ रहा है। अब अगस्त में स्कूल व कॉलेज खोलने का निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि पहले सरकार ने जुलाई से बड़ी क्लासों को खोलने का निर्णय लिया था। मगर सरकार के इस निर्णय पर देशभर में हायतौबा शुरू हो गई। अभिभावक ही नहीं बल्कि राजनैतिक स्तर पर इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया। लोगों के विरोध को देखते हुए अंतत: सरकार को इस निर्णय पर यूटर्न लेते हुए अब अगस्त में स्कूल व कॉलेज खोलने पर निर्णय लेने की बात कही है। बता दें कि अनलॉक के दूसरे चरण में 8 जून से देश भर में धार्मिक संस्थान, होटल, रेस्टोरेंट व मॉल खोलने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत कंटेनमेंट जोन में आने वाले किसी भी प्रकार के संस्थान को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। वहीं दूसरी ओर तीसरे चरण में जुलाई में स्कूल, कालेज खोलने का निर्णय लिया गया था। पंरतु जैसे ही सरकार ने अपनी मंशा जाहिर की तो देश में हंगामा शुरू हो गया। सोशल मीडिया पर लोग सरकार के निर्णय की जोरदार तरीके से खिलाफत करने लगे। लोगों के विरोध को देखते हुए सरकार को यह निर्णय फिलहाल टालना पड़ा है। केंद्रीय मंत्री पोखरियाल ने सरकार के इस निर्णय से सभी को अवगत करवा दिया है। वहीं दूसरी ओर लोगों का कहना है कि शिक्षण संस्थान खुलने से उनके बच्चों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाएगा। एक साथ बच्चों के इकठ्ठे बैठने से कोरोना सक्रंमण तेजी से फैल सकता है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हुई थी कि किसी अन्य देश में स्कूल में एक साथ कई बच्चे कोरोना की चपेट में आ गए। इस खबर को आधार बनाते हुए लोगों ने जुलाई से शिक्षण संस्थान खोलने का विरोध कर दिया। लोगों के विरोध के सामने सरकार को अपना निर्णय वापिस लेना पड़ा है। बता दें कि देश भर में कोरोना का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। भारत में जिस तेजी से यह वायरस फैल रहा है, उसको देखते हुए भारत का नंबर दुनिया भर में 5 नंबर पर आ गया है, जोकि बहुत बड़े खतरे का संकेत माना जा रहा है। इसलिए लोगों ने शिक्षण संस्थान ना खोलने की मांग की थी, जिसके बाद सरकार ने अब निर्णय बदलकर अगस्त में शिक्षण संस्थान खोलने के आदेश दिए हैंं। हालांकि यह बाद में पता चलेगा कि अगस्त में शिक्षण संस्थान खोलने पर भी लोगों की क्या राय सामने आती है। Post navigation दुनिया चाहे मरती रहे, भाजपा की प्रसिद्धि होती रहे महेंद्रगढ़ व नारनोल को दो अलग-अलग जिले बनाना ही विवाद का हल : विद्रोही