हरियाणवीं फिल्म कलाकार दीपक ने मुमताजपुर में कहा.
प्राकृतिक आपदा प्रकृति के छेड़छाड़ का ही है परिणाम

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 पर्यावरण में सुधार के लिए पौधा रोपण अति आवश्यक है। इससे पूरे विश्व के लिए के विकट समस्या बने पर्यावरण प्रदूषण का हल निकाला जा सकता है। यह तभी ही संभव है जब लोगों में पर्यावरण के प्रति जागृति आएगी। प्राकृति की रक्षा और जागरुकता बढ़ाने से ही पृथ्वी फिर से हरी भरी बन सकती है। विश्व पर्यावरण दिवस विश्व का सबसे बडा पर्व है।

यह बात हरियाणवीं फिल्म कलाकार दीपक यादव ने क्षेत्र के गांव मुमताजपुर में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर गांव की पंचायती भूमि पर पौधा रोपण करने के बाद ग्रामीणों से कहीं। उन्होंने ग्रामीणों के सहयोग से 101 पिपल, नीम, बरगद, पापडी, जामुन, पिलख आदि विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाये। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। कोरोना के साथ साथ भूकम्प, तुफान, टिडडी दल का आक्रमण यह सब प्राकृति से की गई छेडछाड के परिणाम है। घटते वन क्षेत्र और वन्य प्राणियों की लुप्त होती प्रजातियां अपने आप में एक जीता जागता उदाहरण है। प्राकृति का संतुलन बनाना बहुत ही आवश्यक है। प्राकृति की रक्षा के लिए हम सबकों जागरुक तो होना ही है साथ में ज्यादा से ज्यादा पौधा रोपण करके धरती मां का श्रृंगार करने सख्त आवश्यकता है। सभी ग्रामीण अपने स्तर पर पौधा रोपण करे और उनकी देखभाल की शपथ ले।

कोरोना वायरस को हल्के में न ले

उन्होंने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस को हल्के में न ले। सरकार द्वारा जारी हिदयतो का पालन करे। बिना वजह घर से बाहर ना जाये विशेष कर 8 साल तक बच्चे और 60 साल से अधिक के बुजुर्ग । मुंह पर मास्क, साफी, रुमाल, गमच्छा, टॉवल आदि का प्रयोग करे। कोरोना वायरस जिला गुरुग्राम के शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण आंचल में भी अपनी मौजूदगी दर्शा चुका है। जो एक चिंता का विषय है। एक दूसरे को छूने से बचे। भी एकत्रित न करके अच्छे नागरिक बनने का परिचय दे। तब ही इस विश्व व्यापी महामारी से निजात मिल सकती है।  इस मौके पर सरपंच राव अजीत सिंह, दलीप सिंह, श्री राम, विजय सिंह आदि ग्रामीणों ने भी पौधा रोपण किया।

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