गर्मी में सुरक्षित प्रांगण में ही पौधा लगायें गुरुग्राम, 5 जून, 2020, आज के दौर में कोरोना से बचाव ही स्वयं एवं पर्यावरण का संरक्षण हैं। स्वयं को संरक्षित करते हुए ‘ऊर्जा समिति’ द्वारा आज ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ पौधारोपण कर मनाया गया। प्रातः सैक्टर 31 में पौधारोपण कर इसकी शुरुआत की गई और लोगों से पौधारोपण का आह्वान किया गया। समिति के महासचिव संजय कुमार चुघ ने बताया कि पर्यावरण दिवस पर शुरू यह पौधारोपण अभियान मानसून में भी जारी रहेगा। इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस 2020 की थीम ‘प्रकृति के लिए समय’ (Time for Nature) है। इसका उद्देश्य पृथ्वी और मानव विकास पर जीवन का समर्थन करने वाले आवश्यक बुनियादी ढांचे को प्रदान करने पर ध्यान देना है। सभी प्रकृति के लिए समय निकालें और इस गर्मी में केवल अपने सुरक्षित परिसर, प्रांगण व स्थान पर ही पौधा लगायें, जहां पर उसकी संभाल हो एवं नित्यप्रति पानी दिया जा सके। इस गर्मी में बिना संभाल के पौधे उग नहीं पाते हैं। उन्होंने अपील की कि कोरोना से स्वयं को सुरक्षित रखते हुए वर्षा ऋतु में ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण अभियानों में शामिल हों और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपना पूरा योगदान दें। सभी लोग पर्यावरण की रक्षा के लिए न्यूनतम बिजली, पानी, तेल, गैस, पेट्रोल व डीजल का इस्तेमाल कर अपने दायित्वों का निर्वाह करें। पर्यावरण की समस्या से निपटने के लिए जनभागीदारी की भूमिका जरुरी है। हर वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विश्व के अनेक देश आधिकारिक समारोह आयोजित करते हैं। इस वर्ष के मेजबान जर्मनी के साथ साझेदारी में कोलंबिया है। इस वर्ष, कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण लाखों लोग डिजिटल रूप से ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाएंगे। भले ही मनुष्य को लॉकडाउन ने हिला कर रख दिया हो, लेकिन पर्यावरण पर लॅाकडाउन का सकारत्मक प्रभाव पड़ा है। पहली बार सन 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने 5 जून को इस दिवस की नींव रखी। उसके बाद से हर साल इसी दिन यानी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। वास्तव में सन 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने पर्यावरण और प्रदूषण पर स्टॉकहोम (स्वीडन) में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था। जिसमें तकरीबन 119 देशों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाने लगा। बीते कई वर्षों से हम देखते, सुनते और पढ़ते आ रहे हैं विश्व में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या विकराल होती जा रही है। इंसानों ने अपनी सुविधाओं के लिए संसाधनों का निर्माण किया, जिससे पर्यावरण पर बुरा असर हुआ। इस बुरे असर से होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए वैश्विक मंच बनाया गया। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की वजह है लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना। मानवता की सेवा के लिए सदैव समर्पित ऊर्जा समिति द्वारा इन दिनों लोगों को इस धरती के बढ़ते हुए तापमान से जो पर्यावरण संकट उत्पन्न हो रहे हैं उनके प्रति जन-जन में जागरूकता लाने के प्रयास कर रही है। Post navigation महाकाल मंदिर बोहड़ाकला में मंगल और शनि को रहेंगे बिठ्ठल गिरि विश्व पर्यावरण दिवस विश्व का सबसे बडा पर्व