पंचकूला, 04 जून। सरकार द्वारा 1983 पीटीआई की सेवाएं समाप्त करने और स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ठेका कर्मियों को हटाने की तैयारी और वेतन-भत्तों की कटौती आदि के विरोध में गुरूवार को अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय पर धरना देकर अखिल भारतीय प्रतिरोध दिवस मनाया व तहसीलदार पंचकूला को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस धरने की अध्यक्षता करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला वरिष्ठ उपप्रधान रणधीर राघव व जिला सचिव विजय पाल सिंह ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकारें लगातार कर्मचारियों की छंटनी करके जनसेवा के विभागों को सिकोड़ने के अजेंडे पर चल रही है और सार्वजनिक क्षेत्र को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोल कर अपने चहेते पूँजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 घंटे करने आदि श्रम कानूनों को पूँजीपतियों के हकों में बदल कर श्रमिकों को गुलाम बनाने का षडयंत्र रचा जा रहा है। अध्यापक संघ के जिला सहसचिव पीताम्बर मोहन और पीटीआई अध्यापिका कृष्णा ने कहा कि आज महामारी के दौर में जब सरकार को अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देना चाहिए था उस समय 10 वर्षों से शिक्षा विभाग को पूरी ईमानदारी से अपनी सेवाएं देने वाले 1983 पीटीआई को एक झटके में बाहर का रास्ता दिखाना अध्यापकों के साथ अन्याय है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में तुरंत रिलीव करने के बारे में कहीं नहीं लिखा है। लेकिन विभाग अपनी मनमर्जी चलाते हुए 1983 परिवारों को उजाड़ने पर तुला हुआ है। हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकार वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए पीटीआई अध्यापकों को तुरंत सेवा सुरक्षा प्रदान करे व सुप्रीम कोर्ट में बड़ी बेंच में अपील करके मजबूत पैरवी करे। स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी संघ की जिला प्रधान रमा व उपप्रधान मंदीप सिंह ने स्वास्थ्य विभाग से सुरक्षा गार्ड सहित अन्य ठेका कर्मियों को हटाने की प्रक्रिया का विरोध किया और नई टेंडर प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की। मुख्य मांगें स्वास्थ्य विभाग सहित कोविड-19 में काम कर रहे सभी विभागों के नियमित व अनियमित कर्मचारियों को संक्रमण से बचाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपकरण डीए जाएं और सभ को एक समान 50 लाख एक्सग्रेषिया बीमा योजना में शामिल किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के सिक्योरिटी गार्ड समेत अन्य पदों पर कार्यरत ठेका कर्मचारियों की प्रस्तावित छंटनी पर रोक लगाई जाए। कार्यमुक्त किए गए 1983 पीटीआई शिक्षकों को सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए। लॉकडाउन से पहले व लॉकडाउन के दौरान छटनी किए गए सभी विभागों के कर्मचारियों को वापस काम पर लिया जाए। कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के महंगाई भत्ता पर जुलाई 2021 तक बढ़ोतरी न करने और एलटीसी पर 1 साल तक लगाई गई रोक को हटाया जाए। एनपीएस रद्द कर, जनवरी 2006 से सेवा में आए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नीति में शामिल किया जाए। ठेकेदारी प्रथा समाप्त की जाए। ठेका कर्मियों को सीधे विभाग के रोल पर लिया जाए। नियमित किए जाने तक समान काम समान वेतन लागू किया जाए। शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं का राष्टÑीयकरण किया जाए। बिजली परिवहन सहित सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अप्रैल महीने में गेहूं खरीदने के लिए मिलने वाले ब्याज मुक्त ऋण का पत्र अविलंब जारी किया जाए। सन 2015 में 1035 टीजीटी (अंग्रेजी) सहित 1538 विज्ञापित पदों के जल्द परिणाम घोषित कर उन्हें ज्वाइन करवाया जाए। नई भर्ती पर लगाई गई रोक हटा कर सभी रिक्त पदों को नियमित भर्ती से भरा जाए। Post navigation सुमित अग्रवाल ने मनाया वृद्ध आश्रम में रणदीप सुरजेवाला का जन्मदिन पुलिस ने 24 घण्टे में किया हत्या आरोपी गिरफ्तार