-गुरुग्राम जिले के विधायकों की जिम्मेदारी कितनी ? -क्या सारी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की ? -क्या नगर निगम निभा रहा है अपनी जिम्मेदारी?
भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। गुरुग्राम में आज भी 132 नए मामले सामने आए, जबकि केवल चार मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। कुल मरीजों की संख्या 1195 हुई, जबकि एक्टिव मरीजों की संख्या 203 है। अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। किसी को भी डराने के लिए ये आंकड़े पर्याप्त हैं। दूसरी ओर लॉकडाउन भी खोल दिया गया है। ऐसी स्थिति में जो अनुमान लगाए जा रहे हैं, वे यह हैं कि आने वाले समय में यह संख्या बढ़ेगी।
गुरुग्राम हरियाणा का कमाऊ बेटा है और हरियाणा सरकार से यह सवाल तो बनता ही है कि पिछले पांच साल और वर्तमान कार्यकाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम के स्वास्थ्य विभाग की कितनी सुविधाएं बढ़ाईं?
मुख्यमंत्री को गुरुग्राम का बड़ा हितैषी कहते हैं। अपने पसंद के अधिकारी लगाए हुए हैं। कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष हैं। शीतला माता श्राइन बोर्ड के भी अध्यक्ष हैं और गुरुग्राम में आवागमन भी लगा रहता है। कितनी जिम्मेदारी बनती है मुख्यमंत्री की।
वर्तमान कार्यकाल की बात करें तो मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग, निकाय विभाग आदि की जिम्मेदारी गब्बर के नाम से मशहूर अनिल विज कर है और इन सभी के कार्य की जिम्मेदारी उन्हीं की बनती है। यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री इनके अधिकारों में हस्तक्षेप करते ही रहते हैं और गब्बर साहब स्वभाव के विपरीत यह कहते हैं कि मुख्यमंत्री तो मुख्यमंत्री हैं। सवाल दोनों से है कि गुरुग्राम में कोरोना अटैक बढऩे के पश्चात आपने गुरुग्राम की स्वास्थ्य सेवाओं को क्या कुछ दिया, कितने डॉक्टर बढ़ाए, कितनी नर्सें बढ़ाईं, कितनी सुविधाएं बढ़ाईं।
यह सर्वविदित है कि पिछले समय में गुरुग्राम में जनसंख्या का भार अत्याधिक बढ़ा है, जिससे गुरुग्राम के स्वास्थ्य विभाग के पास पहले भी इतने साधन नहीं थे कि वह सामान्य अवस्था में भी संतोषजनक काम कर सकें। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सीएमओ पूनिया के पास है। अब वह कैसे अपना कार्य कर रहे हैं, शायद उन्हें पत्रकारों को यह बताने का समय भी नहीं है। समझा जा सकता है कि एक टैम्पो पर दस टन माल लाद दिया जाए तो वह कैसे चलेगा?
अब हम बात करेंगे कि गुरुग्राम की ये समस्याएं सरकार तक पहुंचाने का कार्य स्थानीय विधायकों का होता है। क्या चारों विधायकों ने इसके लिए हरियाणा सरकार, सीएम, स्वास्थ्य मंत्री को इन परेशानियों से अवगत कराया है तो उसका क्या प्रतिफल मिला? या नहीं। जनता को यह सब जानने का अधिकार है और विधायकों को यह सब बताना चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करने के लिए इस समय में नगर निगम, रैडक्रॉस और प्रशासन की कई इकाईयां लगी हुई हैं। क्या वे सभी अपना कार्य भली प्रकार से निभा रही हैं। जब जिम्मेदार सीएमओ हैं तो क्या वे सीएमओ के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। सेनेटाइजेशन का काम पूर्ण रूप से निगम का है और जिसमें बिना झिझक कहा जा सकता है कि निगम इसमें भी फेल दिखाई देता है। कंटेनमेंट जोन में भी निगम सेनेटाइजेशन करने में सफल नहीं हो पा रहा है। उसके लिए भी जनता को विधायक की सिफारिश की आवश्यकता पड़ती है। बाकी आप समझें।
इन स्थितियों में गुरुग्राम की जनता को स्वयं आवश्यकता से अधिक सावधान रहना होगा, चौकन्ना रहना होगा, अपने आसपास के लोगों को सावधानियां बरतने के लिए प्रेरित करना होगा। मानवता की भावना को ध्यान में रखते हुए एक-दूसरे की मदद करनी होगी।
शासन-प्रशासन की जिम्मेदारी है कि आपका स्वास्थ्य, बीमारी, खान-पान, दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति का ध्यान रखे लेकिन ऐसा संभव नजर नहीं आ रहा है कि वह यह सबकुछ कर पाएगा। ऐसे में कोविड-19 से बचाव की जिम्मेदारी का विश्वास सरकार पर नहीं किया जा सकता। आप सभी को मानवता दिखाकर व मिल-जुलकर कोविड-19 का मुकाबला करना होगा।
नगर निगम की क्या है जिम्मेदारी