घर घर जाकर पोस्टकार्ड़ लिखवाकर हो रहा एकञीकरण गुरूग्राम: – विदेशी कम्पनी इको ग्रीन के खिलाफ जारी आंदोलन लगातार जारी है । आन्दोलन के आठवें दिन घर घर जाकर सूबे के मुख्यमंत्री को सम्बोधित पोस्टकार्ड़ लिखा कर विदेशी कम्पनी इको ग्रीन का अनुबंध निरस्त करने का आग्रह किया गया है । आत्मनिर्भर गुरूग्राम के प्रवक्ता राजीव मित्तल ने मीड़ीया को जानकारी देते हुए बताया कि स्वदेशी ऐप नमस्ते पर हुई आंदोलन के आठवें दिन की बैठक में आत्मनिर्भर गुरूग्राम अभियान के संयोजक अजय सिंहल जी ने कंहा कि कोरोना संकट के चलते आन्दोलन की मुहिम मुश्किल तो है पर असम्भव नही। गुरूग्राम के लाखों लोगों ने ठाना है और विदेशी चाईनीज कम्पनी इको ग्रीन को बाहर का रास्ता दिखाना है । गुरूग्राम के घर घर का पैसा मेहनत से कमाया पैसा है इसको बाहरी ताकतों को मजबूत कर भारत के ही हौसलो को कमजोर करके तोड़ने वाले यह जान ले भारत आत्मनिर्भर है। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नारे को सकारात्मक रूप से कारगर करने हेतु हजारों जागरूक नागरिक अब मैदान में है। उल्लेखनीय है कि गुरूग्राम मैं सफाई कूड़ा करकट का ठेका ईकोग्रीन कम्पनी के पास है जो कि विदेशी है । उक्त कम्पनी के निगमों से किए करार के नियमों की जमकर अनदेखी कर आम जनता के हितों पर कुठाराघात करते हुए करोड़ों की सरकार को चपत लगाई जा रही है जबकि स्वयं देश के प्रधानमंञी ” आत्मनिर्भर ” की मुहिम चलाए हुए है। दुकानों पर भी स्वदेशी को लेकर जागरूकता जारी है और विदेशी वस्तुओं का विक्रय न करने की अपील की जा रही है। पहले पखवाड़े के प्रभारी प्रियव्रत भारद्वाज ने कहा कि वरिष्ठ समाजसेवी गिरीश सिंगला , श्री प्रकाश राय, रामबहादुर सिंह, चेतन शर्मा, गौरव अरोरा, परमजीत तथा योगेन्द्र चौधरी के साथ टीम बनाकर गूरूग्राम के विभिन्न हिस्सों में जाकर घर घर जाकर पञ लिखाकर संग्रहित किया जा रहा है । जिसको सूबे के मुख्यमंत्री माननीय मनोहरलाल खट्टर को भेजा जाएगा । वरिष्ठ समाजसेवी अतुल अग्रवाल, आशीष राजपूत तथा पी एन सिंह ने सोशल मीड़ीया के माध्यम से आन्दोलन में तीव्रता लाने को और तेज करते हुए घोषणा की है कि आगामी एक सप्ताह में गुरूग्राम के लगभग हजारों लोग रोजाना अपनी फेसबुक , व्हाटसअप, ग्रुप और टविटर के साथ ही विभिन्न अन्य तरीकों से रोजाना दिन में कम से कम दो बार अपनी पोस्ट को दोबारा ड़ालकर आन्दोलन को और कड़ा करेंगे। अभियान से ड़ा अशोक दिवाकर, प्रियव्रत भारद्वाज, रामबहादुर सिंह, गीरीश सिंगला,श्री प्रकाश राय, ललित हिंदुस्तानी, ललित कौशिक , परमजीत , गौरव अरोड़ा, वेद सैनी, संजय सुखराली, मदन सोनी, रणधीर राय, शंभू प्रसाद, पंकज पाठक योगेंद्र चौधरी, प्रमोद खटाना, अजीत राव, सुशीला यादव, संजय सिंह, अनिल यादव, आनंद कांडपाल, गोपाल रावत जुड़कर लगे हुए हैं । Post navigation प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को हार्डवेयर की दुकाने बंद ठाढा मारे रौन दे नां, रजाई खोस ले सौन दे नां !