जो गरीब लोग, जैसे आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर या वह लोग जो भोजन के टोकन बनाने में लगे हुए हैं, उन्हें किसने सम्मानित किया और किसने सर्टिफिकेट्स दिए। भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिकगुरुग्राम। पिछले कुछ दिनों से एक ओर सारे हरियाणा में कोरोना मरीजों की संख्या के बराबर या उससे अधिक गुरुग्राम में कोरोना मरीजों की संख्या रह गई है और गुरुग्राम के कथित नेता और विधायक कोरोना वॉरियर्स के सर्टिफिकेट्स बांटने में लगे हुए हैं। क्या कोरोना वॉरियर्स के सर्टिफिकेट्स बांटने से कोरोना ठीक हो जाएगा? गुरुग्राम आर्थिक दृष्टि से हरियाणा में अग्रणी है। उसी प्रकार क्या कोरोना में भी अग्रणी रहेगा? यहां के कथित नेताओं ने जो खेल आरंभ किया है, वह कुछ समझ से बाहर है। लगता है कोरोना ठीक करने का प्रयास करने की बजाय नेता लोग कोरोना वॉरियर्स सर्टिफिकेट्स बांटने और लेने के खेल में लगे हुए हैं। एक ऐसे ही व्यक्ति से पूछा तो उसने बताया कि वह अपनी संस्था बनाकर अनेक व्यक्तियों को सर्टिफिकेट्स बांट दिए थे और खुद एक संस्था से प्रार्थना कर रहा था कि वह उसे सर्टिफिकेट दे दे तो वह उसकी मदद करेगा। अब कैसी मदद करेगा, यह वही जाने। मैंने उसे पूछा तो उसने कहा कि भाई साहब समाज में नाम करने के अवसर बनाने पड़ते हैं, परोसकर कोई नहीं देता। आप देखिए, मुख्यमंत्री ने कोरोना आरंभ होते हुए यहां के अधिकारियों को अच्छा काम करने के प्रशस्ति पत्र दे दिए। अर्थात परीक्षा में बैठते ही परीक्षा में मेरिट से पास घोषित कर दिया। इसी प्रकार अब हम सर्टिफिकेट्स बांट रहे हैं और ले रहे हैं। यह प्रमाण रहेगा सारी उम्र कि हमने कोरोना से निपटने में बहुत योगदान दिया। फिर मैंने पूछा कि आपने सर्टिफिकेट्स छपवाए हैं तो उसने बताया कि हजार छपवाए हैं। दस छपवाओ या हजार छपवाओ, पैसे में तो कोई अंतर पड़ता नहीं है, इसलिए इकट्ठे ही छपवा लिए इतने तो लेने वाले मिल ही जाएंगे। इसी प्रकार कुछ समय पूर्व जो व्यक्ति प्रेस नोट भेज भाजपा की आक्रामक आलोचलना करते थे, वही अब गुरुग्राम के विधायक से कोरोना वॉरियर्स का सर्टिफिकेट ले चुके हैं और बहुत लोगों को सर्टिफिकेट्स बांट भी रहे हैं। अर्थात सर्टिफिकेट्स-सर्टिफिकेट्स के खेल में पार्टी, निष्ठा, चरित्र की दीवारों को हटा दिया है। बस ले और दे का खेल चल रहा है। हम गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर से आग्रह करना चाहेंगे कि वह इस खेल पर ध्यान दें और यह देखें कि कौन-कौन सर्टिफिकेट्स बांट रहा है तथा उनकी पुलिस वेरिफिकेशन अवश्य करें, क्योंकि इस समय में कुछ गलत व्यक्ति भी समाज में सम्मान बनाने के लिए प्रयासरत हैं। अत: जो-जो सर्टिफिकेट्स बांट रहे हैं, उन सभी की तत्काल पुलिस वेरिफिकेशन तो होनी ही चाहिए। जिन लोगों ने सर्टिफिकेट्स बांटे हैं, उनसे यह अवश्य पूछना चाहिए कि जिन्हें आपने सर्टिफिकेट्स बांटे हैं उन्होंने कोविड-19 से बचाव के लिए क्या प्रयास किए हैं और उनका रिकॉर्ड उनके पास अवश्य उपलब्ध होना चाहिए। सुनने में ऐसा भी आ रहा है कि लेन-देन का मामला चल रहा है। Post navigation गुरूग्राम में कोविड 19 का संडे के बाद मंडे को फिर से सैंकड़ा 1600 प्रवासी नागरिकों को लेकर गुरूग्राम के रेलवे स्टेशन से श्रमिक स्पेशल ट्रेन उड़ीसा के बालासोर के लिए रवाना।