श्रद्धालूओं से दुर्व्यवहार करते  गंगा स्नान से वंचित कर दिया.
अनेकों ने प्रयागराज, अयोध्या, मथुरा तीर्थों में डुबकी लगाई

गुरूग्राम/काशी। सोमवार को गंगा दशहरा के पावन पर्व पर जहाँ एक ओर प्रयागराज, अयोध्या, मथुरा सहित अन्य धार्मिक तीर्थों में सनातन धर्मावलंबी, साधु-सन्त, सन्यासी, श्रद्धालु पूरी श्रद्धा से पतित पावनी माँ भागीरथी गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगा रहे हैं, वहीं वाराणसी जिला प्रशासन ने गंगा स्नान को जा रहे श्रद्धालूओं के साथ मनमाने तरीके से दुर्व्यवहार करते हुए गंगा स्नान से वंचित कर दिया ।

श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने गहरी नाराजगी और रोष जाहिर करते बताया कि सोमवार को प्रातः 5 बजे ब्रह्म मूहूर्त में गंगा स्नान को जा रहे थे, तो उन्हें भी रोका गया । सोमवार को काशी में लाखों श्रद्धालुओं और धर्माचार्यों के साथ-साथ साधु-सन्तों को जिला प्रशासन ने मनमानी करते हुए गंगा दशहरा के पावन पर्व पर पवित्र गंगा स्नान से वंचित कर दिया।

शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द के मुताबिक पुलिस ने लोगों को धमकी दी कि यदि नहीं माने और गंगा स्नान की जिद पर अड़़े रहे तो परिणाम भुगतने को तैयार रहो । कथित रूप से पुलिस ने धमकाते हुए कहा कि इतनी धारा लगा दी जाएगी कि पूरी जिन्दगी जेल में सड़ते रहोगे। इतना ही नहीं, अपितु काशी के अनेक धर्माचार्यों, साधु-सन्यासी भी पुलिस प्रशासन के उत्पीड़न के शिकार हुए। यह स्थिति तब है जब उत्तर प्रदेश की सत्ता एक सन्यासी के हाँथ में है । उन्होंने कहा कि लगता यही है कि वाराणसी का जिला प्रशासन योगी सरकार को बदनाम करने में लगा हुआ है । सरकार को इस घटना का संज्ञान लेना चाहिए और इसकी गहराई से जाँच करानी चाहिए कि यह पाप कर्म किसके इशारे पर किया गया । जो भी इस पाप के लिए जिम्मेदार हो, उसके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए ।

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