-बड़े शहरों सहित छोटे शहर भी होंगे चपेट में

अशोक कुमार कौशिक

 नारनौल। लॉकडाउन ने पूरे देश की हालत खराब कर दी है। अब कहा जा रहा है कि असर ऐसा हुआ है कि देश में 7 लाख छोटी दुकाने बंद हो सकती है। इसकी चपेट में महानगर से लेकर छोटे शहर भी आयेंगे। ये दावा हम नहीं बल्कि कंज्यूमर गुड्स कंपनीज ने किया है। इनके अनुसार, फिलहाल अधिकांश दुकानें नकदी की कमी और दुकान मालिकों के गांव लौट जाने के कारण बंद पड़ी हैं। कुछ दुकानों पर असर देश में ठप्प पड़े उत्पादन के कारण भी पड़ेगा। अधिकांश दुकान मालिक गांवों से नहीं लौटेंगे और यह दुकानें दोबारा से नहीं खुलेंगी।

मनी भास्कर में छपी खबर के मुताबिक, पारले के कैटेगिरी हेड बी कृष्णा राव का कहना है कि पारले उत्पाद बेचने वाली बड़े शहरों की 58 लाख छोटी दुकानों में से करीब 10 फीसदी अप्रैल और मई में बंद हो चुकी हैं। यह ऐसी दुकानें थीं जो चाय, पान, घर या सड़क किनारे लगती थीं। ईटी से बातचीत में राव ने कहा कि इनमें से अधिकांश आउटलेट स्थायी रूप से बंद हो सकते हैं। बल्कि 42 लाख बड़े किराना स्टोर्स में से भी 1-2 फीसदी स्टोर्स बंद हो सकते हैं। अधिकांश दुकान मालिक अपने गांवों को लौट गए हैं और ऐसे हालात 5-6 महीने तक रह सकते हैं। इनमें से कुछ स्टोर दोबारा खुल सकते हैं। लेकिन इन छोटे किराना स्टोर्स के बंद रहने तक कंपनियों की पहुंच पर असर पड़ेगा।

दुकानें बंद होने के पीछे लोगों के अपने घर वापस जाना एक मुख्य कारण बताया जा रहा है। इससे हरियाणा समेत देश पर बुरा असर पड़ने वाला है। कुछ दुकानदारों का ये भी कहना है कि वो अपनी दुकान के किराए का बोझ नहीं उठा सकते इसलिए दुकान बंद करना मजबूरी है। हालांकि अभी ये अनुमान है, असली संख्या क्या होगी ये वक्त बताएगा।

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