-कमलेश भारतीय -अरी लडक़ी कहां हो ?-सात तालों में बंद । -हैं ? कौन से ताले ?-पहले ताला -मां की कोख पर । मुश्किल से तोड़ कर जीवन पाया । -दूसरा ?-भाई के बीच प्यार का ताला । लड़का लाड़ला और लड़की जैसे कोई मजबूरी मां बाप की । परिवार की । -तीसरा ताला ?-शिक्षा के द्वारों पर ताले मेरे लिए । -आगे ?-मेरे रंगीन , खूबसूरत कपड़ों पर भी ताले । यह नहीं पहनोगी । वह नहीं पहनोगी । घराने घर की लड़कियों की तरह रहा करो । ऐसे कपड़े पहनती हैं लड़कियां? -और आगे ?-समाज की निगाहों के पहरे । कैसी चलती है ? कहां जाती है ? क्यों ऐसा करती है ? क्यों वैसा करती है ? -और ?-गाय की तरह धकेल कर शादी । मेरी पसंद पर ताले ही ताले । चुपचाप जहां कहा वहां शादी कर ले । और हमारा पीछा छोड़ । और?-पत्नी बन कर भी ताले ही ताले । यह नहीं करोगी । वह नहीं करोगी । मेरे पंखों और सपनों पर ताले । कोई उड़ान नहीं भर सकती । पाबंदी ही पाबंदी । -अब हो कहां ?-सात तालों में बंद । -ये ताले लगाये किसने ?-बताया तो । जिसका भी बस चला उसने लगा दिये । -खोलेगा कौन ?-मैं ही खोलूंगी । और कौन ? Post navigation सरकार व्यापारियों को राहत देने की बजाएं कोरोना महामारी में चालान काटकर जुर्माना लगा रही है – बजरंग गर्ग ये मेरा इंडिया,,,अब रह जायेगा भारत