गुरुग्राम,28 मई। गुरुग्राम के द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय के पूर्व कॉमर्स विभागीय अध्यक्ष व हरियाणा गवर्नमेंट कॉलेज टीचर एसोसिएशन के पूर्व प्रादेशिक उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष सपड़ा ने बताया कि प्रदेश में 157 सरकारी कॉलेजों में 3514 रेगुलर लेक्चरर कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा लगभग 1800 एक्सटेंशन लेक्चरर पर शिक्षा की जिम्मेवारी सौंप दी गई है। पिछले कई वर्षों से एक्सटेंशन लेक्चरर की भर्ती में बड़े घोटाले के आरोप लगे लगते रहे हैं। इन घोटालों में कॉलेज प्राचार्य व स्टॉफ की मिलीभगत से सभी नियमों को ताक पर रखकर व चोर दरवाजे से फर्जी ढंग से भर्ती की गई है। वर्ष 2015 में उन्हें 200 रुपए प्रति लेक्चर भुगतान दिया जाता था। महीने के अधिकतम 18000 रुपए देने का प्रावधान किया गया था। इसके बाद से एक्सटेंशन लेक्चरर प्रदेश भर में धरन-प्रदर्शन करने लगे। मंत्रियों व सरकार के पुतले फूंके। अक्टूबर 2019 विधानसभा चुनाव से ठीक पूर्व राजनीतिक लाभ के लिए इलिजिबल को 57700 रुपए और नॉट एलिजिबल को 35400 रुपए मासिक वेतन का फैसला लिया गया। वेतनमान बढ़ते ही वे उम्मीदवार भी फर्जी ढंग से वापस एडजेस्ट कर दिए गए जो कम वेतन से क्षुब्ध नौकरी छोड़कर भाग गए थे। यहीं नहीं, इन नौकरियों के लिए नकली डिग्रियां भी बनवाईं गई। कॉलेजों में वर्क लोड नहीं होते हुए भी रिश्तेदारों व चहतों की भर्ती की गई। मगर, देश में लॉक डाउन होने से ठीक पहले यह एक्सटेंशन लेक्चरर प्रदेश में सृजित 2592 पदों पर रेगुलर भर्ती के सरकार के फैसले के विरोध में धरना-प्रदर्शन करने लगे। इस कोरोना संक्रमण काल में इस फर्जी भर्ती का हरियाणा सरकार पर प्रतिमाह करोड़ों रुपए का आर्थिक भार पड़ रहा है। प्रोफेसर सुभाष सपड़ा ने देश के प्रधानमंत्री, हरियाणा के मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों व संबंधित अधिकारियों को ट्वीट कर इस भर्ती घोटाले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने फर्जी भर्ती घाटाले से संबंधित कुछ डाक्यूमेंट्स भी संलग्न किए हैं। साथ ही मांग की है कि भ्रष्ट व गलत भर्ती करने वालों को भी जेल में डाला जाए। Post navigation कंटेनमेंट जोन के नए आदेश जारी, गुरूग्राम जिला में 63 कंटेनमेंट जोन सीएंडडी वेस्ट का सही निपटान ना करने पर निर्माण भी हो सकता है सील