28 मई 2020 . स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस के देशव्यापी स्पीक अप इंडिया अभियान के तहत आज 28 मई को हरियाणा में भी यह अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है1 विद्रोही ने कहा कि कोविड-19 संकट कारण 25 मार्च को केंद्र सरकार ने डिजास्टर एक्ट के तहत देश में लोकडाउन लगाया जिसे 4 बार बढ़ाकर 31 मई 2020 तक किया जा चुका1 पर केंद्र कि मोदी-भाजपा सरकार इस संकट में गरीब, किसान, खेतिहर मज़दूरो, प्रवासी मजदूरों, आदिवासियों, छोटे दुकानदारों, रोज रोजी-रोटी कमाने वाले मेहनतकशों, छोटे-मझोले उद्योगों को आज तक पर्याप्त आर्थिक सहायता देने की अपनी संवैधानिक जवाबदेही से भाग रही है1

विद्रोही ने कहा कि मोदी-भाजपा सरकार का यह रवैया संवेदनहीन व कोविड संकट की घड़ी में आमजनों की सहायता करने की अपनी जवाबदेही से भागना है1 एक तरफ सरकार लोगों को पर्याप्त आर्थिक सहायता नहीं कर रही, ऊपर से झूठ पर झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करके जुमलेबाजी से आर्थिक सहायता देने का राग अलाप रही है1 मोदी सरकार ने कोविड-19 संकट में लोगों की सहायता के लिए जीडीपी का 10 प्रतिशत अर्थात 20 लाख करोड रुपए की आर्थिक सहायता देने का जुमला उछाला1 पर वास्तव में सहायता 0.91 प्रतिशत दी1 जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है1

 विद्रोही ने कहा कि 12 फरवरी 2020 को ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार व देश को कोविड-19 संकट से आगाह करते हुए कहा था यदि सरकार ने इस संकट को गंभीरता से नहीं लिया तो देश में आर्थिक सुनामी आना तय है1 राहुल जी की चेतावनी को गंभीरता से लेने की बजाय मोदी-भाजपा सरकार ने उनका मजाक उड़ाया1 जिसके दुष्परिणाम आज पूरा देश भुगत रहा है1 कोविड-19 संकट कारण 25 मार्च को देशभर में लोकडाउन लगाया जिसे चार बार बढक़र 31मई तक किया जा चुका है1 जब 25 मार्च को लोकडाउन लगा था तब देश भर में केवल 364 कोविड पोजेटिव केस थे जो आज बढकर लगभग 1.60 लाख की संख्या पार कर चुके हैं1

   विद्रोही ने कहा कि लोकडाउन बाद देश के आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को जिस भयावह परिस्थितियो से गुजरना पड़ रहा है वह 1947 के देश के बंटवारे के हालातों की याद दिला रहा है1 भारत को छोडक़र दुनिया के किसी देश में भी कोविड संकट में नागरिकों को ऐसे बदतर हालातों का सामना नहीं करना पड़ा जैसी भयावह स्थिति भारत के गरीब लोग झेल रहे हैं1 देश के करोड़ो गरीब इस भयंकर गर्मी में अपने घरों को जाने की जद्दोजहद में भूखे, प्यासे, नंगे सडक़ों पर मारे-मारे फिर रहे हैं1 केंद्र सरकार इस संकट की घड़ी में अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने में पूर्णतया असफल रही है1

विद्रोही ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस शुरू से ही मांग करती आ रही है इस संकट की घड़ी में गरीबों, किसानों, मजदूरों को प्रति परिवार छह माह तक हर माह 7500 रुपए की नकद आर्थिक सहायता दी जाए1 वही प्रति व्यक्ति को 6 माह तक 10 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया जाए1 सभी प्रवासी मजदूरों को तत्काल उनको घरों में मुफ्त भेजने की सरकारी व्यवस्था हो1 किसानों की पूरी रबी फसल उत्पादन को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए1 छोटे दुकानदारों, छोटे-मझोले उद्योगों को आर्थिक सहायता दी जाए1 बेरोजगारी के संकट से जूझ रहे मजदूरों की सहायता के लिए गांव में हर इच्छुक व्यक्ति को साल में न्यूनतम 200 दिन का मनरेगा के तहत रोजगार दिया जाए1 डाक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ को पीपीई केयर किटस मास्क दिए जाएं1 स्वास्थ्य सेवा ढांचा मजबूत हो1 लोगों के अधिकतम कोविड लैब टेस्ट हो1

 विद्रोही ने आशा प्रकट कि आमजनो के हित की कांग्रेस की मांगों पर केंद्र सरकार गंभीरता से विचार करके गरीब, किसान, मजदूर आमजनों को विशेष नकद आर्थिक सहायता देकर इस कोविड-19 संकट मे अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाएगी1                 

 वही विद्रोही ने चेतावनी भी दी यदि भाजपा की सरकार अपनी जवाबदेही से भागी तो मजबूर होकर कांग्रेसजनों को आम लोगों को साथ लेकर गांधीवादी, अहिंसावादी तरीके से सडक़ों पर जनआंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा1

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