एसईटी के स्थान पर एसआईटी (विशेष जांच दल) के गठन की मांग की थी :अनिल विज

चंडीगढ़। कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा व रणदीप सुरजेवाला द्वारा मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत किसानों को धान न लगाने की सरकार द्वारा की गई अपील के विरूद्घ किए जा रहे धरना प्रदर्शन पर पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि लॉकडाउन के चलते केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कोई भी व्यक्ति राजनीतिक, धार्मिक तथा सामाजिक गतिविधियां सामूहिक रूप से नही कर सकता। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में जांच करवाएगी तथा यदि नियमों की उल्लघंना हुई है तो उनके विरूद्घ कार्यवाही की जाएगी।

खरखौदा शराब मामले में जांच के लिए एसईटी के बारे गृह मंत्री ने कहा कि मामले में उन्होंने एसईटी के स्थान पर एसआईटी (विशेष जांच दल) के गठन की मांग की थी और एलआर व महाधिवक्ता, हरियाणा से राज्य मांगी थी तथा दोनों ने अपनी राय नेगेटिव दी। परन्तु महाधिवक्ता, हरियाणा की राज्य है कि एसईटी मामले में पूरी जांच कर सकती है तथा उसकी रिपोर्ट के आधार पर दर्ज एफआईआर तथा जिस भी एजेंसी से सरकार चाहे जांच करवा सकती है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सीआरपीसी की धारा-32 में भी यह प्रावधान है। उन्होंने कहा कि एसईटी अपनी रिपोर्ट में शिकायत क्या है क्या यह आपराधिक मामला है या क्या विभागीय जाचं का मामला है। रिपोर्ट आने के बाद ही जांच आरंभ होगी और जो भी दोषी हुआ, उस के विरूद् कार्यवाही की जाएगी।

कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा द्वारा लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को उनके गृह जिलों में भेजने के लिए रेल गाडियों व बसों के माध्यम से भेजने पर सरकार पर राजनीतिक करने का आरोप लगाने के बारे पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि हरियाणा कोरोना राहत फण्ड में योगदान देने के लिए सभी से अपील की गई थी। कांग्रेस पार्टी ने जब इस फण्ड में कुछ राशि का योगदान दिया तो उससे पहले तो कई रेलगाडियों व बसों के माध्यम से लोगों को भेजा जा चुका था। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने साधनों व प्रयासों से हर किसी इच्छुक मजदूर को भेजने की पूरी कोशिश की है। अगर अब भी कोई शेष रह गया है तो उसे भी भेजा जा रहा है।

आज मुख्यमंत्री के साथ हुई उनकी बैठक के बारे पूछे गए प्रश्न के उत्तर में श्री विज ने कहा कि यह बैठक शहरी स्थानीय निकाय विभाग से संबंधित थी तथा लॉकडाउन के कारण सभी 76 निकायों में जो कूड़ा-कचरा जमा हो गया है उसको साफ करने की क्या प्रक्रिया है तथा उसके लिए किस तरह का निविदाएं आमंत्रित करने का फारमेट हो, इन सब पर चर्चा हुई और जल्द से जल्द इस पर कार्यवाही आरंभ हो जाए।

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