आईपीएस कैडर नियमो अनुसार जिला एसपी पद पर आईपीएस अधिकारी ही – एडवोकेट हेमंत* डीएसपी रैंक से लेकर डीआईजी रैंक तक के पुलिस अधिकारी हैं हरियाणा में जिला एसपी*

चंडीगढ़  – हरियाणा में कुल 22 राजस्व ज़िले हैं हालांकि हिसार ज़िले में हांसी सब-डिवीज़न को  आज से साढ़े तीन वर्ष पूर्व नवंबर 2016 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा विशेष पुलिस जिला बनाने की घोषणा की गयी जिसके बाद से यहाँ पर भी एस.पी. (सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस -पुलिस अधीक्षक ) रैंक के अधिकारी की तैनाती की जा रही है हालांकि हांसी  पुलिस ज़िले  सम्बन्ध में वैधानिक अधिसूचना दिसंबर,2019 में  जारी की गयी.  

बहरहाल इस विषय पर  विस्तृत जानकारी एकत्रित कर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि प्रदेश में तीन ज़िलों- गुरुग्राम , फरीदाबाद और पंचकूला में पुलिस कमिश्नरेट  पुलिस व्यवस्था हैं इसलिए वहां पर जिला एस.पी. की बजाये वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात किया जाता  हैं.  गुरुग्राम मे 1989 बैच के मोहम्मद अकील , फरीदाबाद में 1996 बैच के आईपीएस के.के. राव, जो वर्ष 2001 में एचपीएस से प्रमोट होकर आईपीएस बने थे जबकि   पंचकूला में 1998 बैच के आईपीएस सौरभ सिंह पुलिस कमिश्नर हैं.

उन्होंने आगे बताया कि  प्रदेश के  20 ज़िलों में  एस.पी. के पदों पर तैनात पुलिस अधिकारियों में 2006 बैच के तीन आईपीएस अधिकारी ऐसे हैं जो इस वर्ष फरवरी में  14 वर्ष की आईपीएस कैडर में सेवा पूरी करने के फलस्वरूप में उप-महानिरीक्षक (डीआईजी ) के पद पर पदोनत्त कर दिए गए  परन्तु  आज तक वह अपनी प्रमोशन से पहले वाली पोस्टिंग पर ही तैनात हैं. इनमे सिरसा ज़िले में डॉ अरुण सिंह एवं झज्जर  ज़िले में अशोक कुमार है. ज्ञात रहे की यह दोनों अधिकारी वर्ष 2012 में हरियाणा पुलिस सेवा (एचपीएस ) से प्रमोट होकर आईपीएस में आये  थे. वर्तमान में यह दोनों अपने अपने ज़िले में डीआईजी के रैंक में जिला एसपी के पद पर तैनात है. इनके अलावा 2006 बैच के ही अश्विन  शेणवी भी  डीआईजी के रैंक में प्रमोट किये गए एवं  वर्तमान में वह डीआईजी, रेलवे और कमांडो हैं हालांकि उनके पास  जींद ज़िले के एसपी और एसपी, रेलवे का अतिरिक्त कार्यभार है. इस प्रकार उक्त तीन ज़िलों में डीआईजी रैंक के आईपीएस जिला एसपी के पद पर तैनात हैं.

बाकी ज़िलों के बारे में हेमंत ने बताया कि रेवाड़ी ज़िले में 2007 बैच की आईपीएस नाज़नीन भसीन एसपी हैं जबकि चरखी दादरी ज़िले में 2007 बैच के आईपीएस बलवान सिंह , जो  वर्ष 2013 में एचपीएस से आईपीएस बने थे , पुलिस अधीक्षक हैं. रोहतक ज़िले में  2009 बैच के आईपीएस राहुल शर्मा , महेंद्रगढ़ ज़िले में 2010 बैच की सुलोचना कुमारी और भिवानी ज़िले में भी 2010 बैच की संगीता रानी एसपी के पद पर तैनात हैं. पानीपत में 2011 बैच की मनीषा चौधरी जबकि अम्बाला में 2011 बैच के ही अभिषेक जोरवाल ज़िले के पुलिस कप्तान हैं. सोनीपत में 2012 बैच के जश्नदीप सिंह रंधावा जबकि कुरुक्षेत्र में 2013 बैच की आस्था मोदी और यमुनानगर में  2013 बैच के हिमांशु गर्ग और हिसार में भी 2013 बैच के गंगा राम पुनिया  जिला एसपी है. फतेहाबाद में 2014 बैच के राजेश कुमार जबकि पुलिस जिला हांसी में भी 2014 बैच  के लोकेन्द्र सिंह पुलिस अधीक्षक है. कैथल में 2015 बैच के आईपीएस शशांक कुमार सावन और जिला नूहं में भी 2015 बैच के ही नरेंद्र बीजरनीया  जिला पुलिस कप्तान हैं.

हालांकि  जहाँ तक मुख्यमंत्री के गृह ज़िले करनाल का विषय है , जिसे सीएम सिटी के नाम से जाना जाता है , में जिला पुलिस अधीक्षक के पद पर बीते दो वर्षो अर्थात अप्रैल 2018 से एक एचपीएस अधिकारी सुरिंदर सिंह भोरिया तैनात हैं.  लिखने योग्य है कि भोरिया वर्ष 2004 में हरियाणा पुलिस में बतौर डीएसपी के पद पर सीधे नियुक्त हुए थे हालांकि वह अभी तक आईपीएस नहीं बने हैं. प्रदेश के मोजूदा एचपीएस कैडर में उनसे वरिष्ठ  छः एचपीएस अधिकारी और है.

इस सम्बन्ध में हेमंत ने बताया कि आईपीएस कैडर नियमावली, 1954 के अनुसार केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा हर राज्य के लिए निर्धारित एवं नोटिफाई किये गए आई.पी.एस. के पदों पर  राज्य सरकार द्वारा केवल आईपीएस अधिकारी ही तैनात किये जा सकते हैं. हालांकि उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अस्थायी तौर पर गैर-आई.पी.एस. कैडर के अधिकारियों को अर्थात हरियाणा पुलिस सेवा (एचपीएस) के अधिकारियों को भी आईपीएस. के लिए आरक्षित पदों पर तीन महीने की अवधि के लिए तैनात कर सकती है परन्तु तीन महीने के बाद उनका कार्यकाल आगे बढाने के लिए केंद्र सरकार की स्वीकृति आवश्यक है. यही नहीं एचपीएस अधिकारयों की आईपीएस  के पदों पर तीन महीने की उक्त अस्थायी तैनाती भी कुछ विशेष परिस्थितियों में ही की जा सकती है जैसे कि राज्य आईपीएस  कैडर में से इन पदों पर लगाने के लिए कोई उपयुक्त आईपीएस  अधिकारी उपलब्ध न हो अथवा जिस आईपीएस के पद पर गैर-आईपीएस  अधिकारियों को  तैनात किया जा रहा है, वह पद केवल तीन महीने तक ही चलने वाला  हो.

हेमन्त ने बताया कि उक्त  दोनों परिस्थितियां करनाल के  एस.पी. के  पद में सम्बन्ध में लागू नहीं होती. हालांकि गत वर्ष फरवरी 2019 में हरियाणा सरकार ने नियमो में संशोधन कर दस वर्ष की सेवा वाले डीएसपी को अपने ही वेतनमान में एडिशनल एसपी (एएसपी ) के रूप में पदांकित करने के निर्णय लिया.

उन्होंने आगे  बताया कि  फरवरी, 2017 में जब हरियाणा में आईपीएस  अधिकारियों की कैडर संख्या निर्धारित की गयी, तो यह संख्या 144 निर्धारित की गयी  जिसमे से 101 सीधी भर्ती द्वारा अर्थात यूपीएसी की सिविल सेवा परीक्षा द्वारा एवं 43  एचपीएस अधिकारियों के प्रमोशन में से भरे जाने वाले हैं. वर्तमान  में हरियाणा कैडर में 112  आईपीएस अधिकारी  है. उन्होंने बताया कि कम से कम चार वर्ष की आईपीएस में सेवा वाला अर्थात सीनियर स्केल ग्रेड  का आईपीएस अधिकारी  एवं अधिकतम 14  वर्ष की आईपीएस में  सेवा वाला आईपीएस ही  किसी  जिले का पुलिस अधीक्षक लगाया जाता है हालाकि कई बार कुछ विशेष परिस्थितियों में इसमें अपवाद भी हो जाता है.