वैसे तो पौराणिक काल से ही मान्यता है कि सत्ता व भोगविलास का गहरा सम्बन्ध है , लेकिन आजकल सोशल मीडिया व लोगों की जागरूकता के कारण राजनेता अपनी छवि को बचा कर चलते हैं I बात करें अभी बीजेपी द्वारा हुई पूर्व चेयरमैन चंद्र प्रकाश कथूरिया पर कार्यवाही की तो इससे स्पष्ट हो रहा है कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं द्वारा हुए पिछले सारे इसी तरह के अपराधों पर पर्दा डालना चाहती है I

हम अपने जिले गुरुग्राम की ही बात करें यहाँ का पूर्व विधयाक , पूर्व डिप्टी मेयर , हालिया जिलाध्यक्ष व महामंत्री सभी पर महिला उत्पीड़न के आरोप आये , यहाँ तक कि पूर्व महिला जिलाध्यक्ष ने तो सीधे तौर पर कई नेताओं की मंशा पर सवाल उठाते हुए पार्टी ही छोड़ दी थी , इन सब मामलों की चर्चाएं हुई लेकिन कार्यवाही किसी पर नहीं हुई I इस ताजी घटना से तो यही लगता है पार्टी चंद्र प्रकाश कथूरिया को मोहरा बना कर इन सब पुराने पापों पर पर्दा डालना चाहती है , लेकिन ये पार्टी नेतृत्व की भूल है और उन्हें याद रखना पड़ेगा कि जनता कुछ नहीं भूलती.

हम यहाँ याद दिला रहे हैं कुलदीप सेंगर की , उसकी तो पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने फांसी की सिफारिश करनी चाहिए I हालांकि चंद्र प्रकाश कथूरिया का ज्यादा बड़ा कसूर प्रतीत नहीं हो रहा है , वो उस महिला की सहमती से उसके फ्लैट पर गया था , परिजनों के औचक आने से बेचारा शर्म के कारण फ्लैट से कूद गया जबकि उस महिला जिससे भाजपा नेता मिलने गया था, ने कहीं किसी को कोई शिकायत नहीं की गई ,और ये बीजेपी नेता और उसकी महिला मित्र की निजता का मामला था

.जबकि बीजेपी ने पहले हुए बहुत मामले बिना किसी कार्यवाही के दफ़न कर दिए , जिनमें सीधी उत्पीड़न जैसी शिकायतें थी I बात करें बीजेपी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला का लड़का सड़क पर एक आईएएस की लड़की का पीछा करते हुए पकड़ा गया ,पार्टी की थू-थू हुई मुख्यमंत्री ने अध्यक्ष का कुछ नहीं बिगड़ने दिया उलटे उन्होंने महिलाओं के खिलाफ गलत बयान बाजी की थी , काफी चर्चा रही थी बावजूद इस बदनामी के पार्टी अध्यक्ष अब तक अपने पद पर है और शायद मुख्यमंत्री उसे आगे भी मौका देने की फिराक में प्रतीत हो रहे हैं I

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