23 मई 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने देश-प्रदेश की जनता से अपील की सोनिया गांधी की अगुवाई में 22 विपक्षी दलों द्वारा कोविड-19 संकट, लोकडाउन में जनता को आर्थिक, सामाजिक राहत देने के लिए उठाई गई 11 मांगों को पूरा करवाने के लिए मोदी भाजपा सरकार पर दबाव बनाएं1 और ऐसी स्थिति देश में उत्पन्न करें कि संघी सरकार जनहित में 11 मांगों को मानने को मजबूर हो जाए1

विद्रोही ने कहा कि 25 मार्च को देशव्यापी लोकडाउन लगाने के बाद मोदी-भाजपा-संघी सरकार डिजास्टर एक्ट 2005 में दिए गए अधिकारों का प्रयोग करके फरमान जारी करके राज्य सरकारों व नागरिकों को अपने आदेश तो मनवा रही है1 लेकिन इस एक्ट के तहत जनता को दी जाने वाली आर्थिक-सामाजिक राहत देने की जवाबदेही पूरा करने की बजाय सारा भार राज्यों पर डालकर खुद अपनी जवाबदेही से भाग रही है1 मोदी भाजपा सरकार का यह रवैया संविधान, संघवाद व लोकतांत्रिक भावना के खिलाफ है1

 विद्रोही ने कहा कि भारत में संघीय ढांचा है1 इस देश में केंद्र सरकार की तानाशाही नहीं चल सकती1 देश की 70त्न आबादी पर राज व प्रतिनिधित्व करने वाले 22 राजनीतिक दलों ने शुक्रवार को सोनिया गांधी की अगुवाई में बैठक करके केंद्र सरकार के सामने जनहित में जो 11 मांगें रखी हैं उन मांगों को लोकतंत्र, संघवाद की भावना के अनुसार तत्काल पूरा किया जाए1 विपक्षी दलों की मांगे ने केवल संविधान सम्मत है, अपुन कोविड संकट दौर में उन्हें पूरा करना केंद्र की मोदी सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी भी है1 शुक्रवार को ही रिजर्व बैंक गवर्नर भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके स्वीकार कर चुके हैं देश की आर्थिक हालात बहुत जटिल है और जीडीपी दर 2020-21 में नेगेटिव रहेगी1 आम जनों के लिए आर्थिक स्थिति संकटपूर्ण होगी1

  विद्रोही ने कहा ऐसी स्थिति में विपक्षी दलों की मांग के अनुसार आयकर से बाहर रहने वाले देश के सभी परिवारों को 6 माह तक केंद्र सरकार प्रति परिवार 7500 रुपए मासिक आर्थिक सहायता व हर व्यक्ति को 10 किलो गेहूं या चावल प्रतिमाह मुफ्त दे1 बेरोजगारी की मार से लोगों को बचाने के लिए मनरेगा के कार्य दिवस 200 दिन किए जाएं1 किसानों, मजदूरों ,छोटे-मझोले उद्योगों, दुकानदारों की सरकार विशेष मदद करें1 राज्य सरकारों को कोविड संकट से निबटने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज दे व राज्यों का बकाया जीएसटी का पैसा तत्काल उन्हें दे1 वही अपने घरों को लौटने के लिए भूखे-प्यासे-नंगे सडक़ों पर पैदल चल रहे सभी प्रवासी मजदूरों को एक क्षण की देरी किए बिना ट्रेनों, बसों से तत्काल घर पहुंचाया जाए1

विद्रोही ने कहा कि यदि केंद्र सरकार देश की 70 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले 22 विपक्षी दलों की मांगों को पूरा नहीं करती तो आम जनों को सडक़ों पर निकलकर लोकतांत्रिक, गांधीवादी तरीके से मोदी-भाजपा-संघी सरकार के खिलाफ सडक़ों पर निकलकर असहयोग आंदोलन शुरू कर देना चाहिए1