युवा वर्ग बेरोजगारी के कारण नशे के गिरफ्त में :अभय सिंह चौटाला

चंडीगढ़, 20 मई: इनेलो नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि युवा वर्ग बेरोजगारी के कारण दिन-प्रतिदिन नशे के गिरफ्त में फंसता जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान युवाओं का शराब की तस्करी के धंधे में संलिप्त होना भी चिंता का विषय है। पहले भी मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री को पत्र लिखकर चेताया गया था कि हरियाणा में नशे का धंधा प्रत्येक जिले में पैर पसारता जा रहा है जिसके लिए प्रधानमंत्री ने भी चुनाव के दौरान सिरसा जिले में सभा करते हुए चिंता व्यक्त की थी। परंतु सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान न देकर बेरोजगारों को इस धंधे में लिप्त होने का मौका दिया।

उन्होंने कहा कि भाजपा व जजपा विज्ञापनों के माध्यम से बार-बार इस बात का प्रचार कर रहे हैं कि उन्होंने सक्षम योजना के तहत बेरोजगारों को सौ घंटे का काम देकर बेरोजगारी में कमी लाने का काम किया है और सरकार ने पर्ची और खर्ची की रवायत को भी समाप्त किया है। परंतु देखने वाली बात ये है कि हरियाणा में बेरोजग़ारी की दर लगभग 21 फीसदी है जो देश में सबसे ज़्यादा है।

इनेलो नेता ने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में रोजगार के बारे में कहा था कि रोजगार कार्यालयों में जितने भी बेरोजगार सूची में शामिल हैं, उन सभी को नौकरियां दी जाएंगी या मानदेय दिया जाएगा और सभी नौकरियों के बैकलॉग को भरकर तमाम रिक्त पदों को भरा जाएगा। परंतु 26 जनवरी, 2019 को विधानसभा के पटल पर मुख्यमंत्री ने बेरोजगारों की संख्या 6.18 लाख बताई थी जिसमें से 2461 लोगों को नौकरी दी है। इससे सरकार के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं।

उन्होंने ने कहा कि सरकार की भागीदार पार्टी जजपा ने चुनाव के दौरान वायदा किया था कि सत्ता में आने के पश्चात वह उद्योगों में 75 प्रतिशत नौकरियां हरियाणा के युवाओं को देंगे और बेरोजगार शिक्षित युवाओं को 11 हजार रुपए प्रति माह मानदेय देंगे। अशिक्षित युवाओं को कम से कम 16 हजार रुपए वेतन और 600 रुपए दिहाड़ी के तौर पर देने का वायदा किया था। परंतु सत्ता में भागीदार होने के पश्चात किए गए वायदे रद्दी की टोकरी में डाल दिए गए हैं।

इनेलो नेता ने बताया कि हरियाणा सर्विस सलेक्शन कमीशन द्वारा लगभग 10 लाख युवाओं की नौकरियां रद्द करने का इरादा है जिसमें से टीजीटी अंग्रेजी के 1033 पद हैं। कमीशन ने हरियाणा ऐ.जी. कार्यालय को पत्र लिखकर कानूनी राय की मांग की है कि जो नौकरियां वर्ष 2015 में निकाली गई थी, उनको 2017 में नियमों में बदलाव के कारण क्या रद्द किया जा सकता है? कमीशन ने बताया कुछ नौकरियों संबंधित केस न्यायालय में भी लंबित हैं। सूत्रों से पता लगा है कि ऐ.जी. कार्यालय से कानूनी राय प्राप्त करने पश्चात फाइल मुख्य सचिव की टेबल पर है। नौकरियां रद्द करने का फैसला किसी भी समय अखबारों की सुर्खियां बन सकता है।

इनेलो नेता ने कहा कि युवाओं ने परीक्षा की तैयारी के लिए दिन-रात मेहनत की और परीक्षा में अच्छा दर्जा प्राप्त किया परंतु सरकार नियमों के बदलाव का बहाना लेकर सभी नौकरियां रद्द करना युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा। उन्होंने बताया कि दोबारा नौकरियां निकालने के पश्चात भर्ती प्रक्रिया पर करोड़ों रुपए खर्च करना सरकारी पैसे का भी दुरुपयोग होगा। प्रदेश के युवाओं का सरकार से भरोसा उठ जाएगा। इसलिए इनेलो सरकार से अनुरोध करती है कि लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जाए और जिन पदों की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है उनका परिणाम तुरंत घोषित करना चाहिए। अगर सरकार फिर भी युवाओं के भविष्य के साथ खेलेगी तो इनेलो हर कदम पर हरियाणा के युवाओं का साथ देगी।

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