किसानों पर बंदिशें थोपने की बजाए, भूजल संरक्षण के लिए योजनाएं बनाए सरकार- हुड्डाकिसानों को अब भी है गेहूं-सरसों की पेमेंट का इंतज़ार, भुगतान की गति को तेज़ करे सरकार- हुड्डा बर्बादी की कगार पर हैं फूल और सब्ज़ी उत्पादक किसान, सरकार को लेना चाहिए संज्ञान- हुड्डा रद्द करने की बजाए नौकरियां दे सरकार, बंद करे कर्मचारियों की छटनी- हुड्डादुकानदारों और छोटे कारोबारियों को राहत देने की बजाए, औने-पौने बिल भेजकर किया जा रहा है परेशन- हुड्डा

20 मई, चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ऐलान किया है कि कांग्रेस हर क़दम पर किसानों के साथ खड़ी है। किसान सरकार की धान बुआई पर लगाई गई बंदिशों को मानने के लिए तैयार नहीं है। वो अगर अपनी मर्ज़ी से धान या दूसरी कोई भी फसल लगाने का फ़ैसला करता है, तो कांग्रेस उसका समर्थन करेगी। हुड्डा ने कहा कि बार-बार आग्रह के बावजूद सरकार अपनी ज़िद्द पर अड़ी है। महामारी के दौर में ऐसा करना बिल्कुल ग़लत है। भूजल संरक्षण के लिए नई परियोजनाएं चलाने की बजाए किसानों पर बंदिशें थोपी जा रही हैं। 

उन्होंने कहा कि भूजल की चिंता वाजिब है। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान भी सरकार के सामने ये चुनौती थी। लेकिन उस वक्त सरकार ने दादूपुर नलवी, हांसी बुटाना नहर परियोजना चलाने, राखसी नदी, खंड नाला को पुनर्जीवित करने, सिरसा में ओटू झील बनवाने,कोटला झील मेवात, इज़राइली ड्रिप सिस्टम से सिंचाई को बढ़ावा देने जैसे क़दम उठाए थे। ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए फव्वारा सेट और पाइप लाइन के लिए किसानों को अनुदान दिया जाता था। लेकिन बीजेपी सरकार ने उसे बंद कर दिया। सरकार को भूजल संरक्षण की योजनाओं के प्रति सकारात्मक रुख़ अपनाते हुए उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए। उसे डीएसआर पद्धति और हाईब्रिड बीजों से धान की खेती को बढ़ावा देना चाहिए। इससे कम वक्त और कम पानी में धान की अच्छी फसल ली जा सकती है।  
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों को संबोधित करते हुए हुड्डा ने आंकड़ों के ज़रिए गेहूं पेमेंट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा सरकार 7500 करोड़ रुपये पेमेंट का दावा करती है। जबकि ख़रीद के मुताबिक किसानों की कुल पेमेंट 13500 करोड़ बनती है। हालांकि सरकारी आकंड़े कहते हैं कि सरकार ने अबतक सिर्फ 27 लाख मीट्रिक टन गेहूं के लिए 5231 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया है। इसलिए सरकार को पेमेंट की प्रक्रिया में तेज़ी लानी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि आज फूल और सब्ज़ी उत्पादक किसानों की हालत सबसे बुरी है। उनकी फसल खेतों में पड़ी-पड़ी ख़राब हो रही है। भिवानी समेत प्रदेशभर के किसान अपनी फसल को पशुओं के सामने डालने को मजबूर है क्योंकि ना उसकी ख़रीद हो रही है और ना ही उचित पेमेंट। ट्यूबवैल कनेक्शन को लेकर विपक्ष के दबाव सरकार जागी है। हालांकि उसने 6200 कनेक्शन देने के अपने वादे से मुकरते हुए अब सिर्फ 4000 कनेक्शन देने की बात कही है। जबकि कनेक्शन के लिए अप्लाई करने वाले 84 हज़ार से ज़्यादा किसान हैं। 

नेता प्रतिपक्ष ने बिजली बिलों को लेकर आ रही शिकायतों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हमारी मांग के मुताबिक गरीब दिहाड़ीदार ,छोटे दुकानदारों, छोटे कारोबारियों,होटल,ढाबे,सूक्ष्म,लघु व मध्यम उद्योग को बिजली बिल के फिक्स चार्जेज में राहत देने की बजाए, उन्हें औने-पौने बिल भेजकर परेशान किया जा रहा है। कई लोगों को तो बंद संस्थानों का इतना बिल भेजा जा रहा है जितना चालू स्थिति में भी नहीं आता था। 

हुड्डा ने 1530 भर्तियों के रद्द करने की सिफारिश पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से प्रदेश का युवा निराश होगा। इन भर्तियों को जल्द पूरा किया जाए। इसके साथ पीजीटी संस्कृत समेत जिन भर्तियों का फ़ाइनल रिजल्ट आ चुका है, उन्हें नियुक्ति दी जाए। सरकार को अलग-अलग महकमों से कर्मचारियों की छटनी बंद कर देनी चाहिए। ये वक्त लोगों को सहारा और रोज़गार देने का है, ना कि उन्हें बेसहारा और बेरोज़गार करने का।

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