20 मई 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से विनम्र आग्रह किया कि वर्ष 2010 में कांग्रेस राज में भर्ती हुए 1983 पीटीआई अध्यापकों के चयन को सुप्रीमकोर्ट द्वारा रद्द किए जाने बाद इस पर राजनीति करने की बजाय पूरे मामले में मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर नौकरी से निकाले गए पीटीआई अध्यापकों को कैसे दोबारा नौकरी में समायोजित किया जाए इस पर गंभीरता से विचार करें1

 विद्रोही ने कहा कि जो पीटीआई विगत 10 सालों से सरकारी स्कूलों को सेवा दे रहे थे उनके अनुभव का लाभ सरकार उठाए1 इन भर्तियों में कांग्रेस सरकार द्वारा किन्ही भी कारणो से बरती गई अनियमितताओं की गाज इन पीटीआई अध्यापकों पर गिराकर उन्हें बेरोजगार करके उनके परिवार के जीवन यापन के साथ खिलवाड़ न करें1 इससे पहले भी हरियाणा में ऐसी स्थिति आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने चौटाला राज में भर्ती किए गए 3206 जेबीटी अध्यापकों के मामले में अनियमितता पाई थी1 तब कांग्रेस सरकार ने जेबीटी अध्यापकों को सरकारी नौकरी से नहीं निकाला1 अब 1983 पीटीआई अध्यापकों के मामले में सुप्रीमकोर्ट आदेश से ही जेबीटी अध्यापकों जैसी स्थिति फिर उत्पन्न हुई है1

विद्रोही ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट आदेश की परिपालना करना हर सरकार की मजबूरी होती है1 लेकिन सरकार चाहे तो बीच का रास्ता निकालकर फिर से इन पीटीआई अध्यापकों को नौकरी पर रखने का रास्ता खोज सकती है1 ऐसी स्थिति में विद्रोही ने हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से आग्रह किया इस मुद्दे को मानवीय दृष्टिकोण से देखकर 1983 परिवारों को बर्बाद होने से बचाएं1

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