फार्म नंबर-6 में ट्यूशन फीस की जानकारी दे चुके स्कूल, विभाग का फरमान गलत: कुंडू. हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने लगाया निजी स्कूलों के शोषण का आरोप

चंडीगढ़: हरियाणा के निजी स्कूलों और स्कूल शिक्षा विभाग के बीच ट्यूशन फीस को लेकर चला आ रहा टकराव खत्म नहीं हो रहा। निजी स्कूल नई ट्यूशन फीस लेने पर अडिग हैं तो विभाग पिछले साल की ही फीस लेने का आदेश जारी कर चुका है। स्कूल जिसे मानने को तैयार नहीं हैं। चूंकि, निजी स्कूल 31 दिसंबर 2019 तक फार्म नंबर 6 भरकर सत्र 2020- 2021 की ट्यूशन फीस की जानकारी दे चुके हैं। इसलिए उन्होंने सरकार के बार-बार फीस न बढ़ाने संबंधी आदेशों का विरोध करने का निर्णय लिया है। 

प्राइवेट स्कूल संघ ने शिक्षा विभाग के उस फरमान को गलत ठहराया है, जिसमें प्राइवेट स्कूल संचालकों को पिछले साल की केवल ट्यूशन फीस लेने के निर्देश दिए गए हैं। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू, संरक्षक तेलू राम रामायण वाला, प्रदेश कानूनी सलाहकार गौरव भूटानी, प्रदेश प्रवक्ता विनय वर्मा, उपाध्यक्ष संजय धत्तरवाल, रामकुमार भाकर व महासचिव रणधीर पूनिया ने कहा कि फीस को लेकर अगर विभाग स्कूलों का स्वत घोषणा पत्र चाहता है तो फिर फॉर्म नंबर-6 को निरस्त किया जाए।सभी तरह की लेटेस्ट विविध एवं शैक्षणिक खबरों के लिए “हरियाणा एजुकेशनल अपडेट” फेसबुक पेज ज्वाइन करें।

लॉकडाउन के कारण न तो स्कूलों की पिछले सत्र की बकाया फीस आ रही है, न ही अभी तक अप्रैल और मई की कोई भी फीस आई है। निजी स्कूल अभी तक अध्यापकों की मार्च की सैलरी भी दे नहीं पाए हैं और अब मई भी जाने को है। सरकार को चाहिए कि जैसे लॉकडाउन में सरकारी अध्यापकों को वेतन दे रही है, वैसे ही निजी स्कूलों के अध्यापकों को भी राहत पैकेज वेतन के रूप में दे। 

कुंडू ने कहा कि सभी निजी स्कूल हमेशा सरकार के आदेश अनुसार फॉर्म नंबर-6 के हिसाब से ही फीस लेते हैं और उससे ही खर्च चलाते हैं। अगर सरकार अध्यापकों की सैलरी भी देने के लिए तैयार हो जाए तो प्राइवेट स्कूल संचालक किसी भी अभिभावक से फीस नहीं लेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से अनुरोध किया है कि फीस मामले पर जल्द प्राइवेट स्कूलों के सभी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक कर समस्याओं का निराकरण करें।

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