1983 पीटीआई को हटाकर नई भर्ती का कांग्रेस ने पार्टी विरोध किया.
2015 में 503 पदों के जारी किए गए विज्ञापन को रद्द करना गलत

फतह सिंह उजाला

पटौदी।  हरियाणा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 10 वर्षों से कार्यरत 1983 पीटीआई की सेवाएं समाप्त करके नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने पर जिला परिषद की पूर्व उपाध्यक्ष कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने आपत्ति जताई है । उन्होंने कहा कि अध्यापक भले ही कोर्ट में केस हार गए हों किंतु सरकार को इनके वर्षों के कार्यानुभव को देखते हुए इन्हें सेवा सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। वर्मा के अनुसार जो याचिकाकर्ता उस समय रह गए थे राज्य सरकार उन्हें भी विभाग में समायोजित कर सकती थी, किंतु राजनैतिक द्वेष के चलते सरकार ने ऐसा न करके इन अध्यापकों के पद दोबारा भर्ती के लिए विज्ञापित कर दिए।

टीचर को दोषी नही बल्कि भर्ती एजेंसी दोषी

जिला परिषद उपाध्यक्षा रही वर्मा ने कहा कि सरकार को सोचना चाहिए कि इन अध्यापकों के साथ इनका परिवार भी है और सरकार के इस अमानवीय फैसले से ये परिवार भुखमरी की कगार पर आ जाएंगे। जिला पार्षद ने बताया कि इस बारे कोर्ट ने भी टीचर को दोषी नही पाया है बल्कि भर्ती एजेंसी दोषी पाई गई है तो सजा भी टीचर को न देकर एजेंसी को ही दी जाए। इसी तरहं कांग्रेस नेत्री ने 2015 में 503 पदों के लिए जारी की गई अधिसूचना को सरकार द्वारा अतिरिक्त पद की मांग का बहाना लगा कर रद्द करने के फैसले का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त पदों की मांग का बहाना बना कर विज्ञापन की अधिसूचना को रद्द नही किया जा सकता, इसकी पूर्ती वेटिंग लिस्ट से की जा सकती है या फिर नई चयन प्रक्रिया चलाई जा सकती है।

महामारी में हटाना अमानवीय होगा

कांग्रेस नेत्री वर्मा के अनुसार इनमें से कुछ भर्तियों के तो परिणाम भी घोषित किये जा चुके हैं। जिनमे 35 एक्साइज इंस्पेक्टर, 171 कराधान इंस्पेक्टर व 61 पद सोशल एजुकेशन व पंचायत अफसर के शामिल हैं।

उन्होंने ने सरकार से मांग की कि चल रही सभी चयन प्रक्रियाओं को जल्द पूरा करके बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए और सरकार अपनी दरियादिली दिखाते हुए कार्यरत कर्मचारियों को हटाने की बजाए याचिकाकर्ताओं को भी न्याय देते हुए कोई और बेहतर विकल्प तलाशे। क्योंकि कोरोना जैसी महामारी में जब पूरे देश मे रोजगार संकट आ गया है तो ऐसी परिस्थिति में इन कर्मचारियों को हटाना पीड़ादायक और अमानवीय होगा। उन्होंने कहा कि वह और कांग्रेस पार्टी इस संकट के समय इन कर्मचारियों और अघ्यापक संगठनों के साथ है वो उनसे जो मदद चाहेंगे उसके लिए वो तैयार हैं।

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