ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी शंकरानन्द सरस्वती का  अभिषेक.
बोले कि पूरा विश्व मौजूदा समय में कोरोना महामारी से जूझ रहा.
सभी सरकार के दिशा-निर्देशों का सुनिश्चित रूप से पालन करें

फतह सिंह उजाला

गुरूग्राम/ पटौदी। ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी को श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर यति सम्राट अनन्त श्री विभूषित  जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने भगवान चन्द्रमौलीश्वर का वैदिक ऋचाओं के साथ षोडशोपचार पूजन, जगज्जननी जगदम्बा राजराजेश्री त्रिपुर सुन्दरी षोडशी बाला भगवती ललिताम्बा का सहस्रार्चन कर श्री काशी सुमेरु पीठ के ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज का गंगोत्री के जल से अभिषेक एवम् पूजन किया, तथा उपस्थित सन्यासियों, ऋषियों, मुनियों, महात्माओं एवम् भक्तों ने भी ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी को पुष्पाजंलि अर्पित की ।

तत्पश्चात् सन्यासियों सहित उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज के ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी महाराज के व्यक्त्तित्व एवम् कृतित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला । उन्होंने ने कहा कि हम सभी को अपने महान विभूतियों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है । ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी महाराज ने सम्पूर्ण देश में प्रवास कर विखण्डित एवं विभाजित सनातन धर्मावलम्बियों को एक सूत्र में पिरोने का काम किया । उन्होंने सनातन धर्म और संस्कृति को मजबूत करने के लिए जीवन पर्यन्त कार्य किया । उनका मानना था कि सनातन धर्म के संरक्षण और संवर्धन के लिए जितना शास्त्र आवश्यक है, उतना ही शस्त्र भी आवश्यक है ।

पूज्य श्री ने कहा कि पूरा विश्व इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है, ऐसे में सभी को सरकार के दिशा-निर्देशों का सुनिश्चित रूप से पालन करना चाहिए । सभी अपना चेहरा ढँककर ही रहें और सामाजिक दूरी बनाकर अपना कार्य करें।  कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित सन्यासियों, ऋषियों, मुनियों, महात्माओं और भक्तों को फलाहार वितरित किया गया । इस अवसर पर स्वामी दुर्गेशानन्द तीर्थ जी महाराज, स्वामी राधेश्याम आश्रम जी महाराज, स्वामी बृजभूषण दास जी महाराज, स्वामी जीतेन्द्रानन्द तीर्थ जी महाराज, स्वामी उद्भव देव तीर्थ, स्वामी मुनीषाश्रम जी, स्वामी रणछोड़ आश्रम जी, स्वामी जगन्नाथ आश्रम जी, स्वामी श्यामदेव आश्रम जी, स्वामी प्रयागाश्रम जी, स्वामी गोविन्द आश्रम जी महाराज, श्री विनोद त्रिपाठी, ब्रह्मचारी शिवनन्दन द्विवेदी सहित अन्य सन्यासी व भक्त उपस्थित थे ।

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