गुरूग्राम, 18 मई। जम्मू कश्मीर के डोडा क्षेत्र में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए गुरूग्राम जिला के गांव दमदमा के लांस नायक राज सिंह खटाना को गगन भेदी नारों ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, राज सिंह तेरा नाम रहेगा‘ और ‘भाई राज सिंह अमर रहे’ के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार को दोपहर बाद 3ः30 बजे उनके पैतृक गांव दमदमा पहंुचा, जहां पर उन्हें पूरे राजकीय तथा सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। गांव दमदमा के लांस नायक राज सिंह खटाना रविवार को जम्मू कश्मीर के गांव तसनाल में सेना तथा जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए आॅपे्रशन में शहीद हो गए थे। उनका पार्थिव शरीर सोमवार को विशेष विमान से जम्मू कश्मीर के उधमपुर से दिल्ली लाया गया जहां से सड़क मार्ग से सेना के विशेष वाहन में गुरूग्राम से लगभग 25 किलोमीटर दूर उनके पैतृक गांव दमदमा पहुंचा। रास्ते में पड़ने वाले गांवांे में सैंकड़ो लोगों ने शहीद के पार्थिव शरीर को ले जा रहे वाहन पर पुष्प वर्षा करके उनकी शहादत को नमन किया। पैतृक गांव दमदमा पहंुचने पर युवाओं तथा लोगों ने गर्मजोशी के साथ नारे लगाए और पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा की। गांव दमदमा तथा आस पास के सभी ग्रामीण शहीद राज सिंह के अंतिम दर्शन करने को ललायित थे और नम आंखो के साथ श्रद्धा भाव से उनकी शहादत को नमन किया। शहीद राजसिंह खटाना को अंतिम विदाई देने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लोगों का भारी हुजुम उमड़ पड़ा। राज्य सरकार की तरफ से सोहना के विधायक कुंवर संजय सिंह ने शहीद राज सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढाकर उनकी शहादत को नमन किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों के अनुरूप शहीद राज सिंह के परिजनों की पूरी मदद की जाएगी। शहीद राज सिंह को जिला प्रशासन की तरफ से सोहना की एसडीएम डा. चिनार चहल तथा नायब तहसीलदार दलबीर दुग्गल ने पुष्पचक्र चढाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी शहादत को नमन करने वालो में राजस्थान से भाजपा के सांसद सुखबीर जोनापुरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेंद्र चैहान, जे जे पी जिलाध्यक्ष सूबे सिंह बोहरा, कांगे्रसी नेता रोहताश बेदी, फरूखनगर से राव मानसिंह, जिला सैनिक बोर्ड के सचिव कर्नल (सेवानिवृत) अमन यादव सहित इलाके के सैकड़ों लोग शामिल हुए। शहीद राजसिंह खटाना के पार्थिव शरीर के साथ आए 10 राष्ट्रीय राईफल्स के सूबेदार दयाराम ने बताया कि 16 मई को शाम को उनकी रैजिमेंट को सूचना मिली थी कि जम्मू कश्मीर के डोडा क्षेत्र के गांव तसनाल व हंच में हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन से जुड़े आतंकवादी छिपे हुए हैं। इसके बाद 17 मई को प्रातः सेना तथा जम्मु कश्मीर पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से आॅपे्रशन तसनाल चलाया गया जिसके तहत गांव में आतंकवादियों को ढुंढने का सर्च अभियान चलाया गया था। उन्होंने बताया कि यह आॅप्रेशन प्रातः 6 बजे शुरू हुआ और सर्च के दौरान गांव के आखिरी घर में आतंकवादियों के छिपे होने का संदेह हुआ। आतंकवादियों ने गोलियंा चलानी शुरू कर दी और दोनो तरफ से गोलीबारी हुई। इस दौरान राज सिंह घायल हो गया और उसके बावजूद भी उसने वहां से भाग रहे एक आतंकवादी का पीछा किया और उसे मार गिराया, लेकिन दूसरा आतंकवादी एक अन्य घर में घात लगाए बैठा था और उसने राज सिंह पर फायर करने शुरू कर दिए जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हालांकि सेना ने उन छिपे हुए सभी आतंकवादियों को मार गिराया। सूबेदार दयाराम ने बताया कि राज सिंह ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि राज सिंह अपने चार बहनों व तीन भाईयों में दूसरे नंबर की संतान थे। उन्होंने पास के गांव खेड़ला के स्कूल से 12वीं की थी और सितंबर 2011 में सेना में भर्ती हुए थे। 29 वर्षीय शहीद राज सिंह के पिता हवलदार गजराज सिंह भी पूर्व सैनिक रहे हैं और उनका 6 वर्ष पहले स्वर्गवास हो गया था। शहीद राज सिंह अपने पीछे पत्नी श्रीमति रवीता तथा तीन बच्चे-रिषभ (10वर्ष), इशिका (6वर्ष) तथा अनुराग(4वर्ष) छोड़ गए हैं। शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो उनकी माता श्रीमति बिमला और पत्नी श्रीमति रवीता बिलख-बिलख कर रो पड़ी लेकिन माता को अपने शहीद पुत्र की शहादत पर फख्र है, उसने कहा कि बेटा राज सिंह देश के काम आया और उसके दूध की लाज रखी। पत्नी श्रीमति रवीता को भी अपने पति की वीरता पर गर्व है, उसने कहा कि बेटे रिषभ तथा अनुराग को भी देश सेवा के लिए सेना में जाने के लिए प्रेरित करेंगी। Post navigation फूल उत्पादक किसानों ने सीएम खट्टर के नाम सौंपा ज्ञापन जितना शास्त्र आवश्यक , उतना ही शस्त्र भी आवश्यकः शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द