बीजेपी के कुशासन से किसानों को याद आई जनहितैषी कांग्रेस. बीजेपी सरकार की नीतियां केवल केवल पूंजीपतियों के हितार्थ. आवेदन के एक वर्ष बाद भी नही किसानों को ट्यूबवैल कनेक्शन फतह सिंह उजालापटौदी । किसानों को ट्यूबवैल के कनेक्शन देने में खट्टर सरकार द्वारा की जा रही देरी पर कांग्रेस नेत्री व पार्षद सुनीता वर्मा ने बीजेपी सरकार को किसान और कृषि विरोधी ठहराया है। उन्होंनें किसानों की समस्याएं उठाते हुए बीजेपी को किसान, गरीब व मजदूर विरोधी बताते हुए कहा कि इस सरकार की सारी नीतियां केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाली ही होती हैं। कोरोना जैसी महामारी में भी से सरकार किसानों और गरीबों को कोई लाभ अथवा राहत नही दे रही, इस संवेदनहीन सरकार से आज हर वर्ग दुखी है। पूर्व में जिला परिषद की वाइस चेयरमैन रही वर्मा ने कहा कि सरकार ने दिसम्बर 2018 को किसानों को लाभ देने हेतु उनको दोबारा से ट्यूबवैल के मुफ्त कनेक्शन देने के लिए आवेदन मांगे थे और इसके लिए प्रदेशभर से करीब 70 हजार लोगों ने आवेदन किया था, किंतु फिर ये सरकार अपनी जुबान से पलटी मार गई और इन कनेक्शनों पर मोटी फीस निर्धारित कर दी। इस पर भी किसानों द्वारा तमाम परेशानियां झेलते हुए आवेदन की सारी औपचारिकताएं पूरी करने के एक साल बाद भी किसानों को कनेक्शन नही मिल पाए। कांग्रेस नेत्री ने बताया कि एक तरफ तो बीजेपी किसान हितैषी होने व उनकी आय दोगुनी करने का दम भरती है वहीं दूसरी तरफ इनके हकों पर डाका डाल कर इन्हें परेशान करती है। वर्मा के अनुसार प्रदेशभर के किसान इस कार्य के लिए 300 करोड़ से अधिक की राशि आवेदन के साथ खट्टर सरकार को दे चुके हैं किंतु 6200 कनेक्शन देने का वादा करने वाली इस किसान विरोधी सरकार ने फिर भी अभी तक केवल 462 ही नए ट्यूबवैल कनेक्शन दिए हैं। जिला परिषद सदस्य वर्मा के अनुसार बीजेपी के कुशासन के आगे प्रदेश के किसानों को फिर से जन हितैषी सरकार कॉन्ग्रेस की याद आने लगी है क्योंकि कॉन्ग्रेस राज में किसानों को जल्द व सस्ता ट्यूबवैल कनेक्शन मिल जाता था, किंतु अब इस बीजेपी सरकार में प्रति कनेक्शन के 30 हजार से लेकर डेढ़ लाख तक कि राशि ली जा रही है और इसके बाद भी गरीब किसान को चक्कर कताये जा रहा है। कांग्रेस नेत्री ने सीएम खट्टा से आग्रह किया कि वो ट्यूबवैल कनेक्शन से वंचित रह,े शेष किसानों को जल्द कनेक्शन दे कर उन्हें राहत पहुंचाए और स्टार मोटर रेटेड जैसी शर्तें भी हटाई जाएं। Post navigation वरिष्ठ पत्रकार अमित नेहरा ने कोरोना पर लिखी दूसरी पुस्तक लाॅक डाउन का समर्थन, 31 तक काम करेंगे नहीं