महामंडलेश्वर ज्योति गिरि के शिष्य कृष्ण गिरि का संकल्प. सनातन संस्कृति में जड़ी-बूटी से हर महामारी का उपचार फतह सिंह उजालापटौदी। वैश्वििक महामारी बन चुके कोरोना काविड से दुनिया खासकर भारत को मुक्ति दिलाने के संकल्प के साथ श्रीमहाकालेश्वर कल्याण टस्ट्र एवं महाकाल संस्थान के अधिष्ठाता महामंडलेश्वर ज्योति गिरि के शिष्य कृष्ण गिरि के द्वारा आरंभ किया गया कोरोना विनाशक महायज्ञ में 25 जून को पूर्णाहूति अर्पित की जाएगी। 41 दिनों तक प्रति दिन सुबह 9 से 12 बजे तक यह सर्व रोग विनाशक महायज्ञ संस्थान के ही उज्जैन स्थित हरियाणा आश्रम में मं़त्रोच्चारण के बीच महाकाल को साक्षात मानकर , इसमे आहुतियां अर्पित की जाएंगी। मंहत कृष्ण गिरि ने बताया कि वास्तव में महाकाल ही आदि और अंत दोनों ही है। इस रोग विनाशक महायज्ञ में विभिन्न 181 प्रकार की दुर्लभ जड़ी-बूटियों के साथ-साथ , शुद्ध देशी घी और हवन सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा। यहां पर प्रतिदिन महाकाल की नगरी में रहने और जन कल्याण के लिए जप-तप कर रहे प्रकांड विद्धान साधु, संत, सन्यासी, तपस्वी आहूतियां अर्पित करने के लिए आमंत्रित है। सनातन संस्कृति में अनादी काल से वैदिक मेत्रों के द्वारा ज्ञात-अज्ञात शत्रुओं को नाश किया जाने का प्रमाण समाहित है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में वैश्वििक महामारी , जिसने पूरे भारत वर्ष को भी अपनी जकड़ में लिया है, इसको काबू किया जाने सहित रोकने के लिए महाकाल के नगर से श्रेष्ठ अन्य कोई भी स्थान नहीं हो सकता है। बाबा महाकाल जिन्हे कि काल का भी राजा कहा गया और वहीं ऐसी दैवीय शक्ति है तो कि महामारी के कारण अकाल मौत मर रहे लोगों की रक्षा कोरोना से करने में सक्षम है, ऐसा मेरा और महाकाल के भक्तों का अटूट विश्वास भी है। कृष्ण गिरि ने गुरू महाराज की कृपा बताते विश्वास के साथ कहा कि 25 जून के बाद महाकाल ने चाहा तो देश में शायद ही कोई कोरोना का पीड़ित रोगी होगा, सभी कोरोना के प्रभाव से मुक्त होगे और कोरोना स्वय ही अपनी मौत भी मारा जाएगा। Post navigation इस संकट की घड़ी में सारा देश एक है : डीपी कौशिक स्वदेशी से ही मिलेगी देश को और मजबूतीः अजित