आम आदमी को बेवकूफ बनाने का काम

चंडीगढ़, 15 मई:  केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज में से वित्त मंत्री के अनुसार किसानों व मजदूरों के लिए जो पैकेज दिया गया है उस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इस पैकेज में 11 हजार करोड़ तो खाना आदि के लिए पहले ही खर्च किए हुए दिखाएं हैं और इसमें से उनके लिए तीन करोड़ मास्क का प्रबंध किया गया दिखाया गया है। इनेलो नेता ने कहा कि केंद्र द्वारा किसानों व मजदूरों के लिए पैकेज में की गई घोषणाएं और सुविधाएं नये जुमलों के सिवाय और कुछ भी नहीं। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए 3500 करोड़ रुपए का राशन जिसमें प्रत्येक मजदूर परिवार को पांच किलो मुफ्त गेहूं व एक किलो चने की दाल प्रत्येक राज्य सरकार अपने स्तर पर देगी। इसके अलावा किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपए पैकेज में से किसानों को सुविधाएं देने के लिए को-आप्रेटिव बैंकों की मार्फत लाभ दिया जाएगा जो पहले ही यह बैंक कर्ज आदि की व्यवस्था करते हैं। इस पैकेज में किसानों के लिए नई किसी भी योजना की घोषणा नहीं की गई।

बारिश की वजह से भीगने से जो गेहूं का नुकसान हुआ है, उसकी जिम्मेदारी आढती और किसान पर ही डाल दी जाती है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बार-बार कह रही है कि हमने गेहूं की अदायगी के लिए 500 करोड़ रुपए जमा करवा दिए हैं जबकि किसान अपनी गेहूं की राशि लेने के लिए बार-बार आढती के चक्कर काट रहा है। कई जगह तो सरकार ने आढती के खाते में पैसे जमा करवाकर तुरंत वापिस करने के आदेश दिए हैं। उस राशि में कहीं भी ये बात स्पष्ट नहीं है कि इस राशि की अदायगी किस किसान को कितनी करनी है। किसानों ने फसल की बुआई भी करनी है, परिवार का खर्चा भी चलाना है, मजदूरों की मजदूरी और गेहूं कटाई आदि का खर्चा भी देना है। बैंकों की किस्त, आढतियों का कर्जा सिर पर खड़ा है।

इस अवस्था में किसान बोनस की बात तो भूल ही गया जिसके लिए सरकार बार-बार ढिंढोरा पीट रही थी कि मई माह में जो गेहूं बेचेगा उस किसान को बोनस अलग से दिया जाएगा। सरकार ने बोनस तो क्या देना था, न्यूनतम समर्थन मूल्य में से लगभग 14 रुपए प्रति क्विंटल काटकर 1911 रुपए की प्रति क्विंटल अदायगी की जा रही है

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