चंडीगढ़। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने पंजाब में कर्फ्यू के बावजूद वहां से हजारों की संख्या में प्रवासियों के हरियाणा में प्रवेश करने पर पंजाब सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए। विज ने कहा कि अमरिंदर सरकार अपने राज्य में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को लेकर बिलकुल भी गंभीर नजर नहीं आ रही है, जिसके कारण कर्फ्यू के बावजूद हजारों की संख्या में प्रवासी हरियाणा में आ रहे है।

मंत्री अनिल विज ने कहा कि देश में किसी भी कोने में जो प्रवासी मजदूर हैं उनकी पूरी जिम्मेदारी उसी प्रदेश की है जिसमें वह काम कर रहे हैं। उन्हें उनके प्रदेशों तक पहुंचाने के लिए केंद्र ने बकायदा एक गाइडलाइन जारी की है जिसमें स्पष्ट है कि हर प्रदेश की सरकार अपने वेब पोर्टल पर उन्हें रजिस्टर करें और उस प्रदेश का नोडल आॅफिसर उस प्रदेश के नोडल आॅफिसर से बात करे जिस प्रदेश में वह जाना चाहते है। जब सरकार एनओसी दे दे तो रेलवे भी प्रवासियों के लिए आवश्यकता के अनुसार ट्रेनें चलाने के लिए तैयार है और यही स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग सिस्टम है। लेकिन पंजाब अपने प्रवासियों की चिंता नहीं कर रहा है।

अनिल विज ने कहा कि अमरिंदर सिंह यह ब्यान देते रहते हैं कि पंजाब में कर्फ्यू लगा हुआ है और कोई भी व्यक्ति कर्फ्यू तोड़ कर बॉर्डर पार नहीं कर सकता तो कर्फ्यू होने और हमारी सीमाएं सील होने के बावजूद बहुत बड़ी संख्या में जो प्रवासी मजदूर है। वह पंजाब से कैसे आ रहे है। उनको पंजाब सरकार को रोकना चाहिए था। अनिल विज ने कहा कि कई बार हमारे डीजीपी ने पंजाब के डीजीपी से बातचीत की है कि उनको वहीं पर रोका भी जाए लेकिन अमरिंदर सिंह सरकार उन मजदूरों को वहां पर रखने और उनके जाने की व्यवस्था करने में कोई रूचि नहीं ले रहे है। अनिल विज ने बाते कि हरियाणा सरकार ने लगभग एक लाख लोगों को बसों और गाड़ियों के माध्यम से भेजा है और 8 लाख लोगों ने रजिस्टर किया है जैसे-जैसे हमें जिस प्रदेश के एनओसी मिलती जा रही है उन सारे मजदूरों को हम उन्हें वहां भेजते जा रहे है।    

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