जिला बार एसोसिएशन गुरुग्राम के पूर्व प्रधान चौधरी संतोख सिंह अधिवक्ता ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम ने गेहूं की क़ीमत में 4.81 रुपये से लेकर 9.62 रुपये प्रति क्विंटल तक कटौती के आदेश दिए हैं।उन्होंने बताया कि किसान की फ़सल पहले ओलावृष्टि से बर्बाद हुई ।उसके बाद कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के कारण फ़सल काटने और काढने के पर्याप्त साधन न होने के कारण तथा आँधी बारिश से किसान की फ़सल बर्बाद हुई।उसके बाद मंडी में खुले में अनाज होने के कारण आँधी बारिश से किसान की फ़सल की बर्बादी हुई जिसका किसान को सरकार से आज तक कोई मुआवज़ा न मिला। उन्होने बताया कि किसान की फ़सल तौलते वक़्त गिला होने के नाम पर एक किलो प्रति क्विंटल पहले ही काट लिया और अब भारतीय खाद्य निगम ने गेहूं में चमक ना होने का बहाना बनाते हुए गेहूं की क़ीमत में 4.81 रुपये से लेकर 9.62 रुपये प्रति क्विंटल तक कटौती के आदेश दिए हैं जो कि किसानों के साथ सरासर अन्याय है। उन्होंने सरकार से माँग की कि महासंकट की इस घड़ी में किसान के गेहूं की क़ीमतों में कटौती का आदेश वापस लिया जाए तथा किसानों को उनकी फ़सल का पूरा पैसा जल्द से जल्द दिया जाए। Post navigation निदेशालय ने निजी स्कूलों की फीस संबंधी रिपोर्ट मांगी गुरूग्राम रेलवे स्टेशन से 1200 यात्रियों को लेकर बिहार के दरभंगा के लिए रवाना हुई स्पेशल ट्रेन ।