चंडीगढ़,14 मई। लाकडाउन में कारखाना मालिकों से मजदूर को नौकरी से न निकालने का आग्रह करने वाली सरकार ने अनुबंध पर लगें सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। जिसके खिलाफ ठेका कर्मचारियों ने भी सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बेनर तले आंदोलन शुरू कर दिया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने सरकार के निर्देश पर विभिन्न विभागों,बोर्डों, निगमों व विश्वविद्यालयों से कई सालों से काम करने वाले ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकाले की घोर निंदा की है।

संघ ने मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री से तुरंत मामले की जांच करवाके दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नौकरी से निकाले गए सभी ठेका कर्मचारियों को वापस सेवा में लेने की मांग की है। उन्होंने बताया कि 28 अप्रैल को मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में एसकेएस ने इस मुद्दे को उठाया था और नौकरी से हटाए गए सभी कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लेने की मांग की थी। लेकिन इसके बावजूद छंटनी का सिलसिला जारी है। जिसको लेकर कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ गुस्सा है।

हरियाणा विधुत प्रसारण व उत्पादन निगम ने करीब 60 डीसी रेट अनुबंध पर लगे कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। हैल्थ विभाग में सिरसा में लगे आधा दर्जन व सोनीपत से दो ठेका कर्मचारियों को भी बहार का रास्ता दिखा दिया है।

उन्होंने बताया कि मनोहर लाल सरकार अभी तक करीब 5 हजार शिक्षा प्रेरक, 998 महिला पुलिस वालंटियर, करीब 1400 अनुबंध कर्मचारी कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी,शिक्षा विभाग से 202 वोकेशनल टीचर को नौकरी से बर्खास्त कर चुकी हैं। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने नौकरी से निकाले गए सभी कर्मचारियों को वापस सेवा में लेने की मांग की है।

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