-20 बोगियों में 1200 यात्री अपने घरों को हुए रवाना ।

गुरुग्राम 14 मई।लॉकडाउन के दौर के बीच प्रवासी नागरिकों को हरियाणा सरकार द्वारा बड़ी राहत दी जा रही है, विशेष रेलगाड़ियों से श्रमिकों को उनके पैतृक निवास स्थान पर पहुंचाया जा रहा है।  इसी कड़ी में आज गुरुवार को दोपहर बाद 3 बजे लगभग 1200 प्रवासी यात्रियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुरुग्राम रेलवे स्टेशन से बिहार के खंगरिया के लिए रवाना हुई जो अगले दिन सुबह 11 बजे  खंगरिया स्टेशन पर पहुंचेगी ।

जाने से पहले  स्टेशन परिसर में गृह मंत्रालय की गाइडलाइन्स  के अनुसार यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की गई और जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण नजर नही आए, उन्हें ससम्मान रेल में बिठाया गया। सभी श्रमिको को जाते समय जिला प्रशासन द्वारा उनके खान पान का विशेष ध्यान रखा गया। साथ ही सभी श्रमिको को भोजन के पैकेट सहित पीने का पानी ,  बच्चो को चिप्स , चॉकलेट  व अन्य जरूरत का सामान दिया गया।  

इस कार्य में जिला रेडक्रॉस सोसाइटी व सिविल डिफेंस के वॉलंटियरों ने अहम भूमिका निभाई। जहां एक तरफ रेड क्रॉस के वॉलंटियरों ने उन्हें स्टेशन परिसर में प्रवेश करते समय भोजन , पानी आदि यात्रा के लिए जरूरी सामान वितरित किया, वहीं सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स ने रेल के प्रत्येक डिब्बे की खिड़की पर जाकर यात्रियों से पानी व भोजन की जरूरत पूछते हुए आवश्यकतानुसार पानी की बोतले तथा भोजन के पैकेट वितरित किए। सभी को रेल में बिठाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष रूप से ध्यान रखा गया।

विशेष ट्रेन में सवार होते समय श्रमिकों को अपने गांव व घर जाने की जहां एक ओर खुशी साफ झलक रही थी, वहीं मन के एक कोने में गुरूग्राम से जाने का मलाल भी था। काफी समय तक गुरूग्राम में रहकर आजीविका कमाने के कारण उनका इस शहर से लगाव स्वाभाविक है। लाॅकडाउन होने की वजह से उनके काम धंधे ठप हो गए थे और ऐसी स्थिति में श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने की मुफत व्यवस्था करने के लिए उन्होंने हरियाणा सरकार का आभार व्यक्त किया है। जब विशेष ट्रेन गुरूग्राम रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-1 से चली तो ट्रेन में बैठे सभी प्रवासी नागरिकों ने हाथ हिलाकर तथा तालियां बजाकर राज्य सरकार तथा गुरूग्राम जिला प्रशासन का आभार जताया।

 उम्मीदों से ज्यादा सुविधाएं मिली , अभी तक नहीं हुई किसी प्रकार की परेशानी ।

बिहार  के खंगरिया  को जाने वाली ट्रेन में सवार कटिहार के रहने वाले अजय कुमार मंडल, आयु लगभग 25 वर्ष, से जब बात की गई तो उसने बताया कि वह गुरुग्राम के सोहना में पिछले 5 वर्षों से रहता है।उसने बताया कि वह लाॅकडाउन से पहले आइसक्रीम की रेहड़ी लगाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता आ रहा है। उसने कहा कि लाॅक डाउन के कारण  काम ठप्प हो गया है लेकिन वह हालत सामान्य होने का इंतजार करेगा और हालात बेहतर होते ही वापस लौटेगा ।

वहीं 40 वर्षीय नवीन ने बताया कि वह गुरुग्राम के पटौदी चैक पर रहता है और वह ईट-भट्ठो से ग्राहको तक ईंटें पहुंचाने का काम करता है। उसने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में उसकी आजीविका पर गहरा असर पड़ा है। वह प्रतिदिन कमाता था , उसी से घर चलता था। अब अपने गांव जा रहे हैं, हालात ठीक होंगे तो वापिस आ जाएंगे। मुफत टिकट लेकर देने और साथ में खाना देने के लिए उसने हरियाणा सरकार की प्रशंसा की, कहा कि इस समय उनकी सरकार ने बहुत मदद की है।

एक अन्य 23 वर्षीय मजदूर  मिथुन ने बताया कि वह गुरुग्राम की राजीव नगर कॉलोनी में रहता था और प्लम्बर का काम करता था। उसने बताया कि बंद होने के बाद काम नहीं रहा,  इस समय उसे अपने गांव शिवर(बिहार) जाने के लिए सरकार द्वारा विशेष ट्रेन और वो भी मुफ्त मे,  एक बड़े तोहफे के रूप में मिला है जिसे वह हमेशा याद रखेगा। उसने बताया कि वह यहां से हमेशा के लिए नहीं जा रहा , जैसे ही यहां  के हालात सामान्य होंगे, वह अपने परिवार के साथ वापसी करेगा। ऐसे ही कई मजदूर मुकेश , जवाहर, मुन्ना, मोहम्मद आदि  ने बताया कि इस मुश्किल घड़ी में उन्हें  सरकार द्वारा मुफत घर भिजवाने की दी गई सुविधा  एक बड़े तोहफे के रूप में मिली है। इन 50 दिनों के अंदर उन्हें खाने , रहने से लेकर  अन्य जरूरत के सामान तक किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आई लेकिन एक बार तो अपने गांव जाना है।

error: Content is protected !!