– बीस दिन तक दोषी की गिरफ्तारी नही होने से परिजनों में मायूसी व रोष अशोक कुमार कौशिक नारनौल। महेन्द्रगढ़ में चौधरी परिवार इस क्षेत्र का बड़ा ही जाना माना परिवार है जिसके बच्चों ने अलग अलग क्षेत्रों में अपने परिवार का खूब नाम रोशन किया है। चाहे प्रशासनिक सेवाओं में हो, शिक्षा क्षेत्र में हो या व्यापार जगत में हो। इनका हमेशा सर्वोपरि स्थान ही दिखाई पड़ा है। दहेज दहेज के दानव ने इस परिवार में जन्मी रितु के जीवन को लील दिया गत 20 अप्रैल को रितु की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। परिवार की ओर से गुरुग्राम के पुलिस थाने में अपनी बेटी को दामाद निवेश द्वारा मारे जाने के बारे में एक शिकायत दर्ज करवाई थी। लेकिन शिकायतकर्ता की बात पर आज तक कोई अमल नहीं हो पाया। बताया जा रहा है जिसके खिलाफ शिकायत की गई थी वह नितेश राजनीतिक रसूख रखता है इसी के चलते अभी तक उसे बचाया जा रहा है थोड़ा पीछे चले और आपको बताये कि इसी परिवार के प्रेम चौधरी के घर मे जन्मी रितु ने भी अपनी पढ़ाई व शिक्षा के बलबूते पर परिवार का नाम रोशन किया है। रितु स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज की पढाई तक हमेशा होनहार रही है। जिसकी वजह से ही रितु को अच्छी मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर अच्छे पैकेज पर नौकरी मिली तब रितु के परिवार में खुशियों का ठिकाना नही था। इसके बाद उनके पिता ने अपनी पुत्री रितु की शादी 7 फरवरी 2011 को गुड़गांव के नितेश के साथ कर दी। यह शादी हिंदू रीति रिवाजों से बड़े ही लाड़ चाव से की गयी। लेकिन शादी के बाद से ही समझो रितु के जीवन मे खुशियों ने अपना मुंह ही मोड़ लिया हो क्योंकि शादी के बाद से ही उसका पति नितेश उसे दान दहेज को लेकर परताड़ित करता रहा। जिसकी परिवार के लोगो ने कई बार आपसी सुलह भी करवाई। नीतु अपने पति नितेश के साथ सैक्टर 37डी की आपटस सोसाइटी के टावर डीक्रोना के फ्लैट 1304 में रहती थी।गत 20 अप्रैल को गुड़गांव से रितु के परिजनों के पास एक फोन आता है कि रितु की 13वी मंजिल से गिरने के कारण मृत्यु हो गयी है। पुलिस प्रथम सुचना में उसे घायल अवस्था में गुरुग्राम के आर्टीमीस अस्पताल में ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया की बात का उल्लेख है। यह सुनकर तो मानो परिवार की खुशियां पर दुख का पहाड़ टुट पड़ा और परिवार में भूचाल सा आ गया । सारे परिवार सहित आस पड़ोसियों व सगे संबंधियों में मातम की लहर दौड़ जाती है। एक बच्ची की मौत की सूचना ऊपर से लॉक डाउन अब करे तो करे क्या? फिर भी लोगो ने परिवार को ढांढस बंधाया। जैसे तैसे संकट की इस घड़ी में परिवार ने प्रशासन से गाड़ी की परमिशन लेकर गुड़गांव पहुंचे। रितु के भाई हिमांशु ने बताया कि जब वंहा जाकर देखा तो माजरा ही कुछ और लगा उन्होंने इसकी छानबीन की तो लगा कि उनकी बेटी इस तरह का दुस्साहस नही कर सकती उसे तो मारा गया है। उन्होंने इसकी लिखित शिकायत पुलिस को दी, जिस पर पुलिस ने हत्या का मामला तो दर्ज कर लिया। लेकिन नितेश का परिवार राजनैतिक प्रभावशाली लोगों से अच्छे संबंध रखता है इसलिए कोई कार्यवाही न हुई। उल्टा आरोपियों द्वारा उन पर दवाब डलवाने की काफी कोशिशें की गई। हिमांशु का आरोप है कि गुरुग्राम पुलिस भी अब प्रभावशाली लोगों के दवाब में है और मामले को शांत करने के चक्कर मे दिखाई पड़ रही है। 20 दिन हो गये और अभी तक पुलिस ने दोषी को गिरफ्तार तक नही किया है। मृतका रितु के परिजनों ने सरकार व गुरुग्राम प्रशासन से न्याय की मांग करते हुए दोषी की शीध्र गिरफ्तारी की मांग करते हुये न्याय की गुहार की है। Post navigation कोरोना काल में महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश नारनौल में पोजीटिव की संख्या हुई चार