“वोट चोर गद्दी छोड़” महारैली की ऐतिहासिक सफलता पर भाजपा में बौखलाहट

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संसद में हंगामा महारैली की सफलता से उपजी बौखलाहट का परिणाम

कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर नितिन नवीन की नियुक्ति आंतरिक लोकतंत्र समाप्ति का प्रत्यक्ष प्रमाण

पटौदी/फरुखनगर, 15 दिसंबर। रामलीला मैदान दिल्ली में आयोजित ऐतिहासिक महारैली “वोट चोर गद्दी छोड़” में पटौदी एवं फरुखनगर खंड से कांग्रेस कार्यकर्ताओं तथा लोकतंत्र और संविधान को प्रत्यक्ष खतरा मानने वाले जागरूक नागरिकों की अभूतपूर्व, अनुशासित और जोशीली भागीदारी पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुखबीर जे तंवर ने समस्त क्षेत्रवासियों का हृदय से आभार व्यक्त किया है। पटौदी और फरुखनगर के कार्यकर्ताओं, युवाओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और आम मतदाताओं ने जिस एकजुटता और लोकतांत्रिक चेतना का परिचय दिया है, उसने यह स्पष्ट कर दिया है कि जनता अब अपने मताधिकार, संविधान और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर किसी भी प्रकार का हमला सहन नहीं करेगी। यह महारैली केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम नही अपितु लोकतंत्र की रक्षा के लिए उठी जनता की निर्णायक आवाज है।

सुखबीर जे तंवर ने आज संसद के दोनों सदनों में भारतीय जनता पार्टी के हुड़दंग की घटनाओं पर कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए नारों के आधार पर संसद में जो हंगामा खड़ा किया गया, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह हंगामा दरअसल “वोट चोर गद्दी छोड़” महारैली की ऐतिहासिक सफलता से उपजी बौखलाहट को दर्शाता है। जब जनता की आवाज सड़क से संसद तक गूंजने लगती है, तब सत्तापक्ष घबराकर मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करता है। लोकतंत्र में नारे लगाना, विरोध दर्ज कराना और जनता की आवाज को संसद तक पहुंचाना विपक्ष का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन इस अधिकार को कुचलने और शोर शराबे का बहाना बनाकर असली सवालों से भागने की कोशिश लोकतंत्र के लिए घातक है। संसद में हंगामा इस बात का प्रमाण है कि सत्ता पक्ष के पास जनता के सवालों के जवाब नहीं हैं। एक ऐतिहासिक वक्तव्य है। चुनावों की पवित्रता पर सवाल खड़े हों, जब मतदाता के वोट की सुरक्षा खतरे में हो और जब संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता पर संदेह पैदा किया जा रहा हो, तब कांग्रेस का संघर्ष पूरी तरह जायज और आवश्यक है। क्षेत्र की जनता ने महारैली में भाग लेकर यह स्पष्ट कर दिया है कि अब चुप रहने का समय समाप्त हो चुका है। एक ऐतिहासिक कथन है “जब सड़कें सुनी हो जाती है, संसद आवारा हो जाती है”।

सुखबीर जे तंवर ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा द्वारा नवनियुक्त कार्यवाहक अध्यक्ष नितिन नवीन की नियुक्ति पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र के समाप्त हो जाने का प्रत्यक्ष उदाहरण है। बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया, बिना संगठनात्मक चुनाव और बिना कार्यकर्ताओं की भागीदारी के किए गए ऐसे निर्णय यह दिखाते हैं कि भाजपा अब लोकतांत्रिक दल नहीं, बल्कि कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा नियंत्रित वोट चोरी का संगठित गिरोह बन चुका है।जो पार्टी अपने संगठन में लोकतंत्र नहीं चला सकती, वह देश के लोकतंत्र की रक्षा का दावा कैसे कर सकती है। भाजपा आज “एक व्यक्ति-एक निर्णय” की नीति पर चल रही है, जिसमें कार्यकर्ता और लोकतांत्रिक परंपराओं का कोई सम्मान नहीं है। इसके विपरीत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हमेशा आंतरिक लोकतंत्र, विचार-विमर्श और सामूहिक निर्णय की परंपरा को मजबूत किया है। कांग्रेस का संघर्ष सत्ता के लिए नहीं, बल्कि संविधान की आत्मा, लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए है।

सुखबीर जे तंवर ने समस्त राष्ट्र, प्रदेश और क्षेत्र के सभी कांग्रेस वरिष्ठ नेताओं कार्यकर्ताओं, युवाओं, महिलाओं और लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले प्रत्येक नागरिक का अभिनंदन एवं आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह आंदोलन निरंतर जारी रहेगा। मतदान की पवित्रता, मताधिकार की सुरक्षा, संवैधानिक संस्थाओं की स्वतंत्रता और निष्पक्षता और नागरिकों के संवैधानिकअधिकारों की रक्षा के लिये कांग्रेस संविधान एवं लोकतंत्र बचाने के संघर्ष को पूरी दृढ़ताता से आगे बढ़ाती रहेगी।

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Author: Bharat Sarathi

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