कहा – दुकानदारों पर थोपे जा रहे अनुचित दंड, अधिनियम को तुरंत वापस ले सरकार

करनाल, घरौंडा, 10 अप्रैल (प्रवीण कौशिक)।

पेस्टीसाइड, खाद और बीज विक्रेताओं ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए अधिनियम के विरोध में बुधवार को घरौंडा में पूर्ण हड़ताल की। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व घरौंडा पेस्टीसाइड एसोसिएशन ने किया, जिसमें बड़ी संख्या में विक्रेता शामिल हुए।

एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप बांगड़ और हिमांशु सोनी ने बताया कि सरकार द्वारा खाद, बीज और कीटनाशक दवाओं को लेकर लागू किया गया नया कानून पूरी तरह से अन्यायपूर्ण और एकतरफा है। नए अधिनियम के तहत यदि किसी उत्पाद में कोई कमी पाई जाती है तो दुकानदार को तीन साल की सजा और पांच लाख रुपये तक जुर्माना भुगतना पड़ सकता है, जबकि दुकानदार केवल कंपनियों से उत्पाद लेकर उसे किसानों को वितरित करता है।

दोषी कौन – कंपनी या विक्रेता?

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दुकानदार केवल आपूर्ति श्रृंखला का एक हिस्सा है, और गुणवत्ता नियंत्रण की जिम्मेदारी निर्माता कंपनी की होनी चाहिए। ऐसे में यदि कोई उत्पाद दोषपूर्ण निकलता है, तो दुकानदार को कठघरे में खड़ा करना न केवल तर्कहीन है बल्कि उनके भविष्य के लिए भी खतरा बन सकता है।

हिमांशु सोनी ने कहा,

“हम सिर्फ वह माल बेचते हैं जो कंपनियां हमें देती हैं। किसानों तक सही उत्पाद पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन गुणवत्ता की गारंटी निर्माता की होनी चाहिए।”

सरकार को चेतावनी – मांगे नहीं मानी तो जारी रहेगा आंदोलन

एसोसिएशन पदाधिकारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने यह विवादास्पद अधिनियम वापस नहीं लिया, तो हड़ताल को प्रदेशव्यापी आंदोलन में बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान हितों के नाम पर बनाए गए इस कानून से छोटे व्यापारी और दुकानदार सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं, जिन्हें इसका दोषी ठहराना न्यायसंगत नहीं।

व्यापार ठप, किसान भी परेशान

हड़ताल के कारण खाद और दवाओं की दुकानों के बंद रहने से किसानों को भी जरूरी सामग्री के लिए भटकना पड़ा, जिससे क्षेत्र में चिंता का माहौल देखा गया।

निष्कर्षतः, एसोसिएशन ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए इस अधिनियम को संशोधित या निरस्त करने की अपील की है, ताकि व्यापारियों और किसानों के हितों की समान रूप से रक्षा की जा सके।

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