26 प्रतिशत टैरिफ लगने से भारत के बाजार, शेयर बाजार, कृषि, फार्मा और ऑटो सेक्टर्स पर पड़ेगा असर: कुमारी सैलजा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मोदी की दोस्ती ताक पर रखकर टैरिफ लागू करने में की मनमानी
चंडीगढ़, 03 अप्रैल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने अमेरिका द्वारा भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मित्रता को दरकिनार करते हुए टैरिफ बढ़ाने का एकतरफा फैसला किया, जिससे भारतीय बाजार, शेयर बाजार और प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने से भारत के व्यापार, शेयर बाजार और विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कृषि, केमिकल, फार्मा, मेडिकल डिवाइस और ऑटो सेक्टर्स पर इसका विशेष असर देखने को मिलेगा। इसके अलावा, मिल्क प्रोडक्ट्स और आभूषण भी महंगे हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को अपना खास मित्र बताते हैं और उनके लिए चुनाव प्रचार में भी शामिल हुए थे, लेकिन इसके बावजूद ट्रंप प्रशासन ने भारत की नीतिगत कमजोरियों का फायदा उठाकर टैरिफ बढ़ा दिया। इससे न केवल महंगाई बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी सीमित हो जाएंगे।
कुमारी सैलजा ने विशेष रूप से दुग्ध उत्पादों के निर्यात पर पड़ने वाले असर पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 18.149 करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य के दुग्ध उत्पादों पर 38.23 प्रतिशत शुल्क अंतर का गंभीर प्रभाव पड़ेगा, जिससे घी, मक्खन और दूध पाउडर जैसे उत्पाद महंगे हो जाएंगे।
ऑटो इंडस्ट्री पर टैरिफ के प्रभाव का उल्लेख करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों का बड़ा व्यापार उत्तरी अमेरिका से आता है, इसलिए इस टैरिफ का सीधा असर उनके व्यवसाय पर पड़ेगा। औद्योगिक वस्तुओं के क्षेत्र में भी फार्मा, आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उत्पादों पर टैरिफ का नकारात्मक प्रभाव देखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि टैरिफ के कारण अमेरिका में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा कम होगी, जिससे निर्यात में गिरावट आ सकती है। कुमारी सैलजा ने सरकार से मांग की कि वह अमेरिकी प्रशासन के साथ वार्ता कर इस टैरिफ को कम कराने का प्रयास करे ताकि भारतीय उद्योगों को राहत मिल सके।
बदतर बनी हुई है गेंहू खरीद केंद्रों की हालात
एक अप्रैल से प्रदेश में गेेंहू की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है, पर खरीद के इंतजाम कही भी दिखाई नहीं दे रहे है, एक ओर जहां अनाज मंडियों में कोई प्रबंध दिखाई नहीं दे रहे है, उनसे कही बदतर हालात खरीद केंद्रों के बने हुए है। सिरसा जिला के गांवों में बने खरीद केंद्र सरकार के दावों की पोल खोल रहे है, जहां पर बोर्ड तो खरीद केंद्र का लगा होगा पर वहां सुविधाएं गायब दिखाई देंगी। कही पर भी पीने के पानी का प्रबंध दिखाई नहीं देगा, शौचालय और बाथरूम और शैड तक नहीं है जहां पर शौचालय और बाथरूम बने हुए है वहां पर ताला लटका हुआ मिलेगा, साफ सफाई का कोई प्रबंध नहीं नजर आएगा और कुछ दिखाई देगा तो दूर के कूड़े के ढेर दिखाई देंगे। सुरक्षा को लेकर कोई कदम उठाए गए है कही भी दिखाई नहीं देंगे। सरकार अगर वाकई किसान हितेषी है तो उसे किसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कदम भी जल्द से जल्द उठाने होंगे।