35 एकड़ खाली करवाई गई भूमि पर बनाया जाए संग्राहलय या पार्क

शेष 50 एकड़ भूमि का किया जाए डिनोटिफाइड, 713 परिवारों को किया जाए पुन: विस्थापित

नई दिल्ली, 03 अप्रैल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने वीरवार को लोकसभा में शून्य काल में केंद्रीय मंत्री पर्यटन और कला संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मांग की है कि हरियाणा के सिरसा थेहड़ की खाली करवाई गई 35 एकड़ भूमि को ही पुरातत्व विभाग की मानते हुए उक्त स्थान को विकसित कराते हुए वहां पर पार्क या संग्राहलय बनाया जाए, विस्थापित किए गए 713 परिवारों को पुन: विस्थापित किया जाए और शेष बची 50 एकड़ भूमि को डिनोटिफाइड किया जाए।

वीरवार को लोकसभा में सिरसा थेहड़ मामले को रखते हुए सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि इस थेहड़ को पुरातत्व विभाग ने 1932 में सूचीबद्ध किया था, इसकी कितनी भूमि है उसके सर्वे को लेकर एक टीम का गठन किया गया था जिसमें पुरातत्व विभाग की ओर से अजायब सिंह, राजस्व विभाग की ओर से पटवारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार आदि शामिल थे। इस टीम ने एक संयुक्त रिपोर्ट उपायु़क्त सिरसा को सौंपी जिसमें रिपोर्ट निशानदेही, सर्वे सूची, नजरिया नक्शा और सर्वे नक्शा संलग्र किया गया था। जिसमें पुरातत्व विभाग की 35 एकड़ भूमि बताई गई। वर्ष 2017 में हरियाणा सरकार के कुछ जूनियर प्रशासनिक अधिकारियों की गलती से थेहड की 35 एकड़ के बजाए 85.5 एकड़ भूमि दर्शा दी गई। जो 50 एकड़ भूमि दिखाई गई है वह थेहड़ (टीले) के बीचे की है और रानियां रोड पर है, जहां पर करीब पांच हजार परिवार रहते है, इस भूमि पर आवास के साथ साथ व्यवसायिक प्रतिष्ठान है। इस भूमि की 70-80 सालों से रजिस्टरी होती आ रही है।

कुमारी सैलजा ने कहा है कि थेहड़ की 35 एकड़ भूमि को वर्ष 2017 में कब्जा मुक्त करवा लिया गया और वहां रहने वाले 713 परिवारों को हुडा सेक्टर 19 के फ्लैट्स में अस्थायी रूप से इस शर्त पर बसाया गया कि उनके स्थायी आवास की जल्द ही प्रबंध कर दिया जाएगा पर आज तक ऐसा नहीं हुआ और ये सभी परिवार बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं- वहां पर अभी तक एक भी पैसा नहीं लगाया गया है, संबधित विभाग के मंत्री एक सवाल के जवाब में साफ कर चुके है कि बजट नहीं है जब बजट होगा तब इस बारे में सोचा जाएगा।

कुमारी सैलजा ने केंद्रीय मंत्री पर्यटन और कला संस्कृति मंत्री से मांग की है कि जो 35 एकड़ भूमि खाली कराई गई थी और जो पुरातत्व विभाग के अधीन है उसे विकसित किया जाए, उस पर पार्क और संग्राहलय बनाया जाए और जिन परिवारों को थेहड़ से विस्थापित किया था उनको वायदे के अनुसार जल्द से जल्द पुन: विस्थापित किया जाए। कुमारी सैलजा ने कहा कि जो 50 एकड़ भूमि शेष बची है उसे डिनोटिफाइड किया जाए तो वहां पर रहने वाले में सुरक्षा की भावना बनी रहे।

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