– उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने गांव हरचंदपुर में वृद्धाश्रम शिलान्यास समारोह में की शिरकत

गुरुग्राम, 22 मार्च। हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति हमें अपने बजुर्ग माँ बाप का आदर सम्मान व देखभाल करना सिखाती है। माता- पिता की सेवा करना ईश्वर की सेवा करने के बराबर है। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते दायरे ने हमारे पारिवारिक व सामाजिक तानेबाने को विभिन्न स्तर पर प्रभावित किया है। हम सभी की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने पारिवारिक मूल्यों को सहेजने की दिशा में आगे बढ़े व जीवन के महत्वपूर्ण पड़ाव पर अपने माता पिता का सहारा बनकर उनकी सेवा करें।

कैबिनेट मंत्री शनिवार को गांव हरचंदपुर में शिओज़ व हॉर्मनी केयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित वृद्धाश्रम के शिलान्यास समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान कार्यक्रम में उत्तराखंड के पूर्व सीएम श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सोहना के विधायक श्री तेजपाल तंवर, आयोजक राहुल कुमार सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

कैबिनेट मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में यह कटु सत्य है कि कुछ बच्चे जीवन के अंतिम पड़ाव पर अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ आते हैं, यह भूल जाते हैं कि उन्हीं माता-पिता ने उन्हें कठिन परिस्थितियों में पाल-पोसकर बड़ा किया और जीवन में सफल बनाया।  उन्होंने कहा कि हमें यह समझना चाहिए कि माता-पिता हमारी जिंदगी की जड़ें हैं, और इन जड़ों को काटकर कोई भी फलदायी जीवन नहीं जी सकता। कैबिनेट मंत्री ने वृद्धजनों की देखभाल के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि  सरकार अकेले रह रहे बुजुर्गों की देखभाल ‘वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम‘ योजना के तहत सेवा आश्रमों में करेंगे। रेवाड़ी में एक ऐसा आश्रम खोला जा चुका है और एक अन्य करनाल में निर्माणाधीन है। इसके अलावा, 14 जिलों में इनके लिए भूमि की पहचान कर ली गई है।

उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, वरिष्ठ नागरिक की सेवा के लिए रेड क्रास सोसायटी द्वारा पानीपत, अम्बाला व पंचकूला में ओल्ड एज होम चलाये जा रहे हैं। पंचकुला में श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड द्वारा भी ओल्ड एज होम चलाया जा रहा है। इसके अलावा, प्रदेश के 13 जिलों में जिनमें भिवानी, गुरुग्राम, हिसार, जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, पंचकुला, रोहतक, रेवाड़ी, सिरसा, यमुनानगर, झज्जर और बहादुरगढ़ शामिल हैं में 14 डे-केयर सेंटर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए जा रहे सार्थक प्रयासों के साथ ही विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा वृद्धाश्रम की शुरुआत हर्ष का विषय है।

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