किसान हितों की रक्षा के लिए सरकार लाई विधानसभा में बिल
कानून बनने पर होगी कड़ी कार्रवाई
दोष सिद्धि पर हो सकती है 6 महीने से 3 वर्ष तक जेल
एक लाख से पांच लाख तक जुर्माने का किया प्रावधान
चंडीगढ़, 20 मार्च – हरियाणा में नकली और गलत ब्रांड के कीटनाशक बेचने वालों के खिलाफ प्रदेश सरकार कड़ा कानून बनाने जा रही है। आज विधानसभा में हरियाणा सरकार ने पुराने कीटनाशक अधिनियम में संशोधन करके पहले से ज्यादा सज़ा और जुर्माने का प्रावधान करते हुए बिल पास किया है। इसके बाद राज्यपाल की स्वीकृति और अधिसूचना के बाद यह कानून का रूप ले लेगा।
सर्वप्रथम कीटनाशक से संबंधित अधिनियम भारत सरकार द्वारा वर्ष 1968 में बनाया गया था। भारत सरकार द्वारा पारित कीटनाशक अधिनियम, 1968 का उद्देश्य कीटनाशकों के निर्माण, बिक्री, आयात, परिवहन, वितरण और उपयोग को विनियमित करना है, ताकि मिट्टी, मनुष्य और पशुओं को किसी भी प्रकार के जोखिम से बचाया जा सके। यह अधिनियम 2 सितंबर 1968 को पूरे भारत में लागू किया गया था।
संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ी
उक्त अधिनियम के प्रावधानों के तहत पाया गया कि नकली और गलत ब्रांड के कीटनाशकों का उत्पादन व बिक्री बड़ी चुनौती है। मौजूदा कानून के अंतर्गत सज़ा के प्रावधान नरम होने के कारण दोषी व्यक्तियों को पर्याप्त भय नहीं है, जिससे किसान इन नकली कीटनाशक बेचने व बनाने वालों के शिकार हो रहे हैं। इसके कारण कृषि उत्पादन लागत बढ़ रही है, फसलों की उत्पादकता प्रभावित हो रही है और पर्यावरण, मानव स्वास्थ्य एवं राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँच रहा है।
इन्ही कारणों को देखते हुए प्रदेश के किसानों के हित में हरियाणा सरकार ने नकली/गलत कीटनाशक के विक्रय को रोकने के लिए पुराने कानून में संशोधन करना उचित समझा है। इस प्रयोजन के लिए कीटनाशी अधिनियम, 1968 हरियाणा राज्यार्थ की धारा 29 की उपधारा (1) के उपखण्ड (i) तथा (ii) प्रतिस्थापित किया गया है।
पुराने अधिनियम के अनुसार पहली बार अपराध करने पर अधिकतम दो वर्ष कारावास, न्यूनतम 10,000 रुपये से अधिकतम 50,000 रुपये जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। दूसरी बार या बाद के अपराध में दोषी को अधिकतम तीन वर्ष कारावास, न्यूनतम 15,000 रुपये से अधिकतम 75,000 रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
अब क्या सज़ा होगी
लेकिन हरियाणा सरकार ने संशोधन में जो प्रस्तावित किया है उसके अनुसार पहली बार अपराध करने पर दोषी को न्यूनतम छह महीने से अधिकतम दो वर्ष कारावास, न्यूनतम एक लाख से अधिकतम तीन लाख रुपये जुर्माना होगा। दूसरी बार या बाद के अपराध में दोषी को न्यूनतम एक वर्ष से अधिकतम तीन वर्ष कारावास, न्यूनतम तीन लाख से अधिकतम पाँच लाख रुपये जुर्माना का प्रस्ताव किया है।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के अनुसार कीटनाशक अधिनियम में संशोधन का उद्देश्य सख्त प्रावधानों के माध्यम से नकली और गलत ब्रांड के कीटनाशकों के निर्माण, बिक्री एवं वितरण को नियंत्रित करना है।