‘‘इस बार विपक्ष बिल्कुल तैयारी करके नहीं आया है उनके पास कोई मुद्दे नहीं है वह केवल रीडर बन के आए हैं’’- अनिल विज
‘‘विपक्ष को कोई जानकारी नहीं है कि वह क्या पूछ रहे हैं और उनका क्या पूछना चाहिए’’- विज
साल 2008 की भर्ती का मामला बार-बार उठता रहेगा क्योंकि यह बच्चों के भविष्य का मामला है – विज
‘‘हुड्डा साहब रोज सदन में मेरी उम्र को लेकर प्रश्न करते हैं तो मैंने सोचा कि मैं आज इनका जवाब दे ही दूं’’- विज
‘‘मेरे अंदर 45 साल के युवक से ज्यादा हौंसला है, इसलिए मेरी उम्र 45 साल है’’- विज
चंडीगढ़, 19 मार्च- हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि ‘‘कांग्रेस तो अब उजड़ा हुआ गुलशन है और कब कौन सा पेड़ गिर जाए उसका कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता’’। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि ‘‘इस बार विपक्ष बिल्कुल तैयारी करके नहीं आया है उनके पास कोई मुद्दे नहीं है वह केवल रीडर बन के आए हैं, वे खाली पढ़ते-पढ़ते हैं, उनको कोई जानकारी नहीं है कि वह क्या पूछ रहे हैं और उनका क्या पूछना चाहिए’’।
श्री विज आज यहां हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
कांग्रेस के राज में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया- विज
वर्ष 2008 की भर्ती के मामले को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘हुड्डा साहब ने बहुत ही शरारतीपूर्ण तरीके से जो माननीय हाईकोर्ट की जजमेंट के प्रमुख पोर्शन को छुपा लिया गया लेकिन हमारे मुख्यमंत्री जी ने उस निर्णय को सारा पढ़कर बताया है कि कोर्ट ने काफी चिंता जाहिर की है और बाकायदा इसके ऊपर एक कमेटी भी बनाई है। इस मामले में गड़बड़ हुई है और टैलेंट को नजरअंदाज किया गया है जिसके तहत नाइंसाफी हुई है, उसके बारे में विचार किया हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला बार-बार उठता रहेगा क्योंकि यह बच्चों के भविष्य का मामला है और इस प्रकार से कांग्रेस के राज में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है और यह मुद्दा उठाना हमारा धर्म और कर्म है इसलिए हमारे लोग इस मामले को उठाते रहेंगे’’।
अगर केस का फैसला आ चुका है तो वह ज़रूर उठाया जा सकता है- विज
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि ‘‘हुड्डा साहब वकील होने के बावजूद उनको इस बात का ज्ञान नहीं है कि यह ठीक है कि जब केस पेंडिंग है तो उसका मुददा उठाया नहीं जा सकता, अगर केस का फैसला आ चुका है तो वह ज़रूर उठाया जा सकता है। इस मामले में हुड्डा साहब ने कुछ नहीं बताया और अपने वक्तव्य में बिल्कुल भी नहीं बताया कि इस मामले को डिसमिस किया गया है उसके बाद क्यों नहीं उठा सकते उठा सकते हैं’’।
‘‘विपक्ष को कोई जानकारी नहीं है कि वह क्या पूछ रहे हैं और उनका क्या पूछना चाहिए’’- विज
बजट सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा लगाए जाने वाले सवाल के जवाब में सरकार द्वारा ढंग से उत्तर नहीं दिया जा रहा, के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि ‘‘जबकि इसके विपरीत यह कहा जा सकता है कि इस बार विपक्ष बिल्कुल तैयारी करके नहीं आया है उनके पास कोई मुद्दे नहीं है वह केवल रीडर बन के आए हैं, वे खाली पढ़ते-पढ़ते हैं, उनको कोई जानकारी नहीं है कि वह क्या पूछ रहे हैं और उनका क्या पूछना चाहिए’’।
‘‘मेरे अंदर 45 साल के युवक से ज्यादा हौंसला है, इसलिए मेरी उम्र 45 साल है’’- विज
आज विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ऊर्जा मंत्री श्री अनिल विज के बीच उम्र को लेकर हुई नोक झोक के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि ‘‘हुड्डा साहब रोज सदन में मेरी उम्र को लेकर प्रश्न करते हैं तो मैंने सोचा कि मैं आज इनका जवाब दे ही दूं। मैंने उनको बताया की उम्र जो है वह डेट ऑफ बर्थ के साथ नहीं नापी जाती है। मैंने इसी प्रकार से 45 साल के युवक के साथ दौड़ लगाकर देखा कि मेरे अंदर उससे ज्यादा हौसला है इसलिए मेरी उम्र 45 साल है’’।
किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने किसानों के कर्ज के लिए उनकी उपज बढाने के लिए बहुत कदम उठाए- विज
उन्होंने बताया कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने किसानों के कर्ज के लिए उनकी उपज बढाने के लिए बहुत कदम उठाए हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को काफी लाभ हुआ है और किसानों को 6000 रूपए सालाना दिए जाते हैं उससे भी किसानों को सहुलियत मिलती है।
‘‘विपक्ष तर्कहीन आरोप लगा रहा है क्योंकि विपक्ष इस बार तैयारी करके नहीं आया है’’- विज
कालोनियों के रेगूलर करने के बारे में विपक्ष के आरोपों के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘विपक्ष तर्कहीन आरोप लगा रहा है क्योंकि विपक्ष इस बार तैयारी करके नहीं आया है। कालोनियों के संबंध में उन्होंने बताया कि यह कांग्रेस के कार्यकाल की बनी हुई कालोनियां है और पुरानी कॉलोनियां है। इन कालोनियों में रहने वाले लोगों के जीवन को सुधारने के लिए, वहां तक विकास पहुंचाने के लिए हमारी सरकार द्वारा निर्णय लिया जा रहा हैं’’।