
चंडीगढ़, 17 मार्च 2025: स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा प्रस्तुत हरियाणा बजट 2025-26 को जुमलों और वादों का पुलिंदा करार दिया। उन्होंने इसे प्रदेश के इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण बताया, जिसमें तीन घंटे तक केवल दावे किए गए, लेकिन वास्तविक विकास व जनहित के लिए कुछ ठोस प्रस्ताव नहीं रखा गया।
विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 2 लाख 5 हजार 17 करोड़ रुपये का बजट तो प्रस्तुत किया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि प्रदेश की कुल राजस्व प्राप्तियां कितनी होंगी? क्या यह बजट वास्तव में आय के अनुरूप तैयार किया गया है?
बढ़े बजट का गणित संदेहास्पद
वर्ष 2024-25 के मुकाबले 16,000 करोड़ रुपये अधिक का बजट रखा गया है, जिसमें 5,000 करोड़ रुपये लाडो लक्ष्मी योजना के लिए आवंटित हैं। अगर इस योजना की राशि को हटा दें, तो बजट वृद्धि केवल 5 प्रतिशत होती है। बढ़ती महंगाई, प्रशासनिक खर्च और रुपये के अवमूल्यन को देखते हुए, यह वृद्धि वास्तविक रूप से न के बराबर है।
बजट आवंटन: जुमला या हकीकत?
विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के बजट में 10 से 58 प्रतिशत तक की वृद्धि की घोषणा की है। यदि यह वृद्धि वास्तविक होती, तो इसका मतलब होता कि पिछले साल के बजट आवंटन मात्र हवा-हवाई थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पहले बजट में झूठी घोषणाएं करती है और बाद में संशोधित बजट के जरिए उन राशियों को घटा देती है।
“जनता के साथ धोखाधड़ी”
विद्रोही ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में जिन योजनाओं की घोषणा की है, उनमें से अधिकांश के लिए कोई वित्तीय प्रावधान नहीं किया गया और न ही उनके लागू होने की कोई समय-सीमा बताई गई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार झूठे बजट के जरिए प्रदेश को ठग रही है और जनता को विकास व जनहित के नाम पर सिर्फ ठेंगा मिलने वाला है।
प्रदेशवासियों को चेतावनी
विद्रोही ने हरियाणा की जनता को आगाह किया कि इस बजट से न तो कोई विकास होगा और न ही आम नागरिकों को कोई सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने इसे “आंकड़ों की बाजीगरी और धोखाधड़ी” करार देते हुए कहा कि सरकार की असंवेदनशीलता राज्य की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ सकती है।