हर साल होती है फीस बढ़ोतरी : गुरिंदरजीत सिंह

कब बंद होगी निजी स्कूलों की लूट बंद।

सरकार और प्रशासन मोन होकर देख रहा है और हर साल निजी स्कूल 10-20 फीसदी तक फीसों में बढ़ोतरी कर देते है। गुरिंदरजीत सिंह अर्जुन नगर

किताबो और स्टेशनरी के नाम पर भी करते है भारी लूट।

सब कुछ सरकार प्रशासन को पता है, और किसी पर कोई कारवाई नही। गुरिंदरजीत सिंह

गुरुग्राम: देश की राजधानी नई दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के शहर साईबर सिटी गुरुग्राम के निजी स्कूलों के संबंधित गुरुग्राम के समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह अर्जुन नगर ने कहा कि पढ़ने का हक़ सभी बच्चो का है। पर निजी स्कूलों की पढाई दिन- ब – दिन महंगी होती जा रही है।

हर साल फीस बढ़ोतरी:
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि साईबर सिटी गुरुग्राम के निजी स्कूलों में नया सत्र शुरू होने से अभिभावकों की जेब पर काफी दबाव पड़ रहा है। कई स्कूलों ने फीस से लेकर परिवहन शुल्क में भी 10-20 फीसदी तक की बढ़ोतरी करते है। एडमिशन फीस, ट्यूशन फीस, लाइब्रेरी, लैब, कंप्यूटर, एनुअल चार्ज, डेवलपमेंट चार्ज, बिल्डिंग फंड, ट्रांसपोर्ट, खेल का सामान, स्मार्ट क्लास आदि के नाम पर खुली मनमानी फीस वसूली जाती है।

अलग अलग तरीके से वसूली जाती है मोटी रकम
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि बच्चों के अभिभावकों को महंगी दर पर ही किताबें खरीदनी पड़ रही है। साथ ही, वर्दी खरीद के लिए दबाव बनाया जा रहा है। वही कई स्कूल स्टेट्यूशनरी, नोट बुक, ड्रॉइंग बुक, बैग आदि भी स्कूल या स्कूल द्वारा निर्धारित दुकान से खरीदने को कहते है। कुछ स्कूल साल नये नये पब्लिश्रो और लेखको की किताबे लगाते है, ताकि बच्चे पुरानी किताबे न इस्तेमाल कर सके।

अभिभावकों को मजबूरी देने पड़ते हैं पैसे
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि आज तक किसी को भी यह नहीं पता चला कि स्कूलों को कब और कितनी फीस बढ़ाने की अनुमति मिली। किस साल में कितनी फीस बढ़ानी है। इसका कोई भी दस्तावेज सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं कराया जाता है। सरकार की तरफ से वेब साइट पर स्कूलों द्वारा फीस बढ़ोतरी की जानकारी पहले से बताने के आदेश है, पर बच्चो की एडमिशन के समय क्या वे वेब साइट पर दिखाई फीस लेते है?

स्कूलों की फीस के आधार पर ही खर्चे तय होते
एक्शन कमेटी ऑफ अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल के अध्यक्ष भरत अरोड़ा का कहना है कि डीएसईएआर 1973 की धारा 17 सी में प्रावधान है कि 31 मार्च से पहले फीस वृद्धि की जानकारी शिक्षा विभाग को देनी होती है। स्कूलों की बढ़ी हुई फीस के आधार पर ही अगले साल के खर्चे तय होते हैं, जो पूरी तरह से अनिवार्य हैं।

कब बंद होगी निजी स्कूलों की मनमानी
गुरिंदरजीत सिंह अर्जुन नगर ने कहा कि कब बंद होगी निजी स्कूलों की लूट बंद। सरकार और प्रशासन मोन होकर देख रहा है और हर साल निजी स्कूल 10-20 फीसदी तक फीसों में बढ़ोतरी कर देते है। किताबो और स्टेशनरी के नाम पर भी करते है बारी लूट। और सब कुछ सरकार प्रशासन को पता है, और किसी पर कोई कारवाई नही। उन्होंने सरकार और प्रशासन को गुहार लगाई कि जल्द ऐसे स्कूलों पर कारवाही हो और परिजनों को ऐसे स्कूलों की लूट से बचाया जाए।

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